आदिपुरुष फ़िल्म पर हिंदुओं की भावनाएँ आख़िर क्यों भड़कीं? इस फिल्म को बनाने वालों की आख़िर तीखी आलोचना क्यों की जा रही है? जानिए, अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की है।
आदिपुरुष फिल्म पर गंभीर चर्चा की जरूरत है। स्तंभकार अपूर्वानंद लिख रहे हैं कि इस फिल्म के चेहरों को हिन्दुत्व के पैरोकारों ने गढ़ा है। इसलिए हिन्दुत्ववादी इस फिल्म के बहाने अपना चेहरा क्यों नहीं देखते। पढ़िए आदिपुरुष पर उनकी विचारोत्तेजक टिप्पणीः
आदिपुरुष फिल्म पर लोगों की नाराज़गी से परेशान अब इसके निर्माता ने फिल्म में बदलाव करने का फ़ैसला किया है। तो आख़िर क्या-क्या बदलेगा और क्या लोगों का ग़ुस्सा इससे शांत हो जाएगा?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । मनोज मुंतशिर: आदिपुरुष' में जानबूझकर लिखे गए थे डायलॉग । आदिपुरुष पर कांग्रेस: जो हनुमान को ‘तेरे बाप की जली’ कहलवा दे, वो लेखक तो विद्रूप
The controversial Film ‘Adipurush’ has raised a lot of heat and dust. Be it the story line or use of crude language,the film has cause much outrage since it hurts the religious sentiments of the millions who could never imagine that a Bollywood filmmaker would make so much mockery of a widely revered epic like the Ramayana.
फिल्म आदिपुरुष पर जारी विवाद के बीच नेपाल ने फिल्म के रिलीज होने को लेकर कई शर्तें लगा दी है। जिसमें एक डॉयलॉग को बदलने की मांग की गई है। फिल्म में सीता को भारत की बेटी बताया गया है, जबकि तमाम प्रचलित कथाओं में सीता का संबंध जनकपुर से है, जो नेपाल में है। नेपाल का कहना है कि सीता नेपाल की बेटी हैं।
फिल्म आदिपुरुष विवादित होती जा रही है। हिन्दू सेना ने अदालत में याचिका दायर कर इसे रोकने की मांग की है। हालांकि फिल्म रिलीज हो चुकी है और काफी कमाई भी कर रही है।
फ़िल्मों पर बार-बार विवाद क्यों हो रहा है? क्या फ़िल्में किसी भीड़ या फिर छुटभैये संगठनों की मर्जी से चलाई जाएंगी? अगर ऐसा हुआ तो क्या फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर चल पाएंगी?