डेढ़ महीने से कुछ लिखा नहीं। डॉक्टरों ने मना किया था कि फोन और कंप्यूटर पर न लिखें। क्योंकि सर्वाइकल का दर्द कंधे से उतरकर हाथ पर आ गया था। पर दो रोज पहले न जाने किस घड़ी में ‘आदिपुरुष’ देखी। आदिपुरुष से उपजे क्षोभ के ‘विर्पजॉय’ ने लिखने से परहेज के मेरे संकल्प को तोड़ दिया।