दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल पर अब ऐसे अजीबोगरीब दावे किए गए कि ट्विटर पर ही लोगों ने इतिहास का सच दिखा दिया! दावा किया गया कि ताजमहल उनकी अपनी प्रॉपर्टी है। तेजोमहालय के बाद अब ऐसा दावा बेहद चौंकाने वाला था। वैसे, यह सब इतना आसान भी नहीं है। क्योंकि ताजमहल पर ये अजीबोगरीब दावे किसी और ने नहीं बल्कि पूर्व राजपरिवार की सदस्य और बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने किया। यह अजीबोगरीब दावा इसलिए कि उनके दावे के तुरंत बाद ही किसी के लिए यह विश्वास करना मुश्किल हो रहा था। आख़िर दीया कुमारी के दावे चौंकाने वाले क्यों थे और सोशल मीडिया पर ही लोगों ने कौन सा सच बता दिया?
यह सब जानने से पहले यह जान लीजिए कि दीया कुमारी ने दावा क्या किया था। जयपुर की पूर्व राजपरिवार से आने वाली बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने दावा किया कि ताजमहल उनकी प्रॉपर्टी है।
दीया कुमारी ने कहा कि उस जगह पर उनका महल था। उन्होंने आगे कहा, 'ये अच्छी बात है कि किसी ने ताजमहल के दरवाजे खोलने को लेकर अपील की है, इससे सच सामने आएगा। मेरे पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, जो बताते हैं कि पहले ताजमहल जयपुर के पुराने राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। जब शाहजहां ने जयपुर परिवार का वह पैलेस और जमीन ली तो परिवार उसका विरोध नहीं कर सका, क्योंकि तब उसका शासन था।'
तो क्या दीया कुमारी के इन दावों में दम है? क्या सच में ताजमहल जयपुर के पुराने राजघराने की संपत्ति थी? इतिहासकार दीया कुमारी के इस कथन से असहमत हैं और उन्होंने इसे आधा सच ही कहा है। तो पूरा सच क्या है?
इतिहासकारों से पहले यह जान लें कि इतिहास की सामान्य समझ रखने वालों ने सोशल मीडिया पर क्या साझा किया है। विजय शंकर सिंह आईपीएस रिटायर्ड ने ट्वीट कर दिलचस्प जानकारी दी है और कहा है कि अकबर ने वह जमीन अपने सेनापति राजा मान सिंह को जागीर के रूप में दी थी और उसी ज़मीन को बाद में शाहजहाँ ने चार हवेलियों के बदले में ताजमहल बनवाने के लिए ली।
वही जमीन शाहजहां ने चार हवेलियो के बदले ताजमहल के लिए ली। आमेर और मुगलों के संबंध सदियों तक रहे हैं। यहां तक कि औरंगजेब के समय में भी।
— Vijay Shanker Singh IPS Rtd (@vssnathupur) May 12, 2022
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'जयपुर राजघराना तब भी मुगलों के साथ था जब औरंगज़ेब दिल्ली की तख्त पर था। औरंगज़ेब की कट्टर धार्मिक नीति के ख़िलाफ़ जयपुर कभी खड़ा भी नहीं हुआ। आज दीया कुमारी जी कह रही हैं कि शाहजहां ने उनकी जमीन कब्जा कर ली। इसके बाद भी उनके पुरखे क्यों औरंगजेब के चहेते मनसबदार बने रहे?'
इतिहासकार राणा सफवी ने ट्विटर पर शाहजहाँ से लेकर राजा जय सिंह तक के फरमानों (शाही आदेश) की प्रतियां साझा कीं और लिखा कि ताजमहल के लिए जमीन के बदले में जय सिंह को चार हवेलियां दी गई थीं।
सफवी ने ट्वीट में लिखा, 'जहां राजा जय सिंह मुफ्त में जमीन दान करने को तैयार थे, वहीं शाहजहां ने राजा मान सिंह की हवेली के बदले चार हवेलियाँ दीं। यह फरमान सिटी पैलेस संग्रहालय में कपड़ द्वार संग्रह में बंद है।'
सफवी ने डब्ल्यूई बेगली और जेडए देसाई द्वारा संपादित 'ताजमहल - द इल्यूमिन्ड टूम' पुस्तक से फरमानों की प्रतियां साझा कीं।
While Raja Jai Singh was willing to donate the land for free, four havelis were given lieu of Raja Man Singh's haveli by Shah Jahan.
— Rana Safvi رعنا राना (@iamrana) May 11, 2022
This farman is locked up in the Kapad Dwara collection in the City Palace museum.
Fascimile from Begley and Desai: Taj Mahal The Illumined Tomb. https://t.co/UXDAzKrXEx pic.twitter.com/EeSZ5W2oN1
सफवी ने कहा है कि पदशहनामा ताजमहल के निर्माण का विवरण देता है और उसमें ताजमहल की जगह वाली जमीन के बदले चार हवेलियों के दिए जाने का पूरा विवरण है।
'अकबर: द ग्रेट मुगल' पुस्तक के लेखक इतिहासकार इरा मुखोटी ने 'आउटलुक' पत्रिका से कहा, अकबर के आमेर की हरखा बाई से शादी करने के बाद से मुगल और जयपुर राजघराने क़रीब थे। उन्होंने कहा, 'भाजपा सांसद दीया कुमारी के इन दावों को सुनकर निराशा हुई है। शाहजहाँ द्वारा ऐसे शातिर तरीके से जमीन छीने जाने का सवाल ही नहीं उठता।' इरा ने कहा कि ताजमहल के बारे में इस तरह के दावे एक ही स्रोत - पीएन ओक की एक किताब से उत्पन्न होते हैं।
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