देश में इस समय इतिहास को बदलने, इतिहास का पुनर्लेखन करने और खासकर मुगल सल्तनत के दौर को टारगेट करने की धूम मची हुई है। आरएसएस और भाजपा के पास सत्ता है और उन्होंने अपने मकसद को पूरा कर दिखाया है। लेकिन पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने सत्य हिन्दी पर लिखा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और छत्रपति शिवाजी की जो राय मुगल शासनकाल के बारे में रही है संघी और भाजपाई उसे कैसे झुठला सकते हैं। पढ़िएः
जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी के इन दावों में कितनी सचाई है कि ताजमहल उनकी प्रॉपर्टी है? क्या सच में उनके पास कुछ कागजात हैं? जानिए, क्या इतिहासकार इस बात से सहमत हैं।
किसी संग्रहालय का नाम बदलने से ग़ुलाम मानसिकता नहीं जाती, उसके लिए स्वतंत्रता की नई इमारतें, नए प्रतीक खड़े करने होते हैं। मगर योगी का विकृत इतिहासबोध इस दिशा में नहीं सोचता क्योंकि वह तो सत्ता की राजनीति से प्रेरित है और ये देश के लिए बेहद आत्मघाती है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण