राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का विजन पार्टी के अंदर युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का है। पायलट ने उदयपुर में हो रहे चिंतन शिविर से पहले द इंडियन एक्सप्रेस से तमाम मुद्दों पर बातचीत की है।
इस चिंतन शिविर में राष्ट्रीय व प्रदेश भर की कांग्रेस कमेटियों के 430 नेता शामिल हो रहे हैं।
इस सवाल के जवाब में कि क्या पार्टी में युवाओं को बढ़ावा मिलेगा पायलट ने कहा कि चिंतन शिविर में भाग ले रहे डेलीगेट्स में से 50 फीसद की उम्र 40 साल से कम है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहती हैं।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल चुके पायलट ने कहा कि युवाओं ने निश्चित रूप से ज्यादा मेहनत की है लेकिन वरिष्ठ नेताओं और युवाओं के बीच में संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और नेतृत्व में भी अगर युवाओं की भूमिका बढ़ेगी तो ऐसा होना कांग्रेस और देश के हित में होगा।
पायलट ने कहा कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस सिर्फ 21 विधायकों पर सिमट गई थी लेकिन उसके बाद 2018 में कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बनाई। पायलट कुछ दिन पहले दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे और यहां उन्होंने राजस्थान में जल्द से जल्द नेतृत्व परिवर्तन किए जाने की मांग रखी थी।

राजस्थान में बीते कुछ दिनों से कई इलाकों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हुई हैं और इस वजह से माहौल बेहद तनावपूर्ण है इसे लेकर पायलट ने कहा कि वह इन घटनाओं को लेकर बेहद दुखी हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सड़कों, शहरों का नाम बदला जाना जरूरी है या महंगाई को कम किया जाना।
राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त सचिन पायलट ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में पार्टी ने अपने 2013 के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया था।
कर चुके हैं बग़ावत
2020 में पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ गुड़गांव के मानेसर में स्थित एक रिजॉर्ट में आ गए थे और तब कई दिनों तक पायलट और गहलोत के समर्थकों के बीच जबरदस्त जुबानी जंग चली थी।
कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी मुश्किलों के बाद संकट सुलझाया था और अशोक गहलोत को राजी कर पायलट के समर्थकों को राजस्थान कैबिनेट में जगह दिलाई थी।
माना जा रहा है कि चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। कांग्रेस संगठन में ऐसे नेताओं को जो 50 साल की उम्र से नीचे हैं उन्हें पार्टी संगठन में सभी स्तरों पर 50 फीसद आरक्षण दिया जाएगा और इसे कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी के लिए भी लागू किया जाएगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहा है कि पार्टी के अंदर इस बात पर सहमति बन चुकी है कि ‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम लागू किया जाएगा। हालांकि इसमें शर्त यह है कि अगर किसी परिवार में किसी दूसरे शख्स को टिकट दिया जाता है तो वह कम से कम पार्टी के लिए 5 साल तक काम कर चुका हो।
अपनी राय बतायें