पेरिस ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीता, लेकिन उनकी माँ ने पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम के स्वर्ण पदक जीतने को लेकर ऐसी बात कह दी कि पूरी दुनिया उनकी तारीफ़ों के पुल बांध रहा है। कोई कह रहा है कि अरशद स्वर्ण, नीरज रजत तो नीरज की माँ डायमंड हैं'। सोशल मीडिया पर भारत से लेकर पाकिस्तान तक सब एक सुर में नीरज की माँ को महान बता रहे हैं।
दरअसल, नीरज की माँ एएनआई के पत्रकार के उस सवाल पर जवाब दे रही थीं जिसमें उनसे पूछा गया था कि आपके बेटे नीरज ने सिल्वर जीता, जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड। नीरज की मां ने कहा कि वह खुश हैं क्योंकि अरशद भी उनका ही लड़का है। इस बयान पर सोशल मीडिया उनकी तारीफ़ों के पुल बांधने लगा। यूएई के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हसन सजवानी ने एएनआई का वीडियो पोस्ट कर कहा, 'अरशद ने स्वर्ण, नीरज ने रजत पदक, नीरज की माँ ने सबका दिल जीत लिया'।
जिस वीडियो को उन्होंने पोस्ट किया है उसमें नीरज चोपड़ा की माँ कह रही हैं, 'मैं रजत पदक से खुश हूँ, जिस लड़के (अरशद नदीम) को स्वर्ण पदक मिला है, वह भी मेरा बच्चा है, हर कोई बहुत मेहनत करके वहाँ जाता है'। एक्स पर यूज़र कह रहे हैं कि नीरज चोपड़ा की माँ की यह बात बहुत अच्छी है।
उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई जब भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज और नदीम के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया मांगी गई। भारत के नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) मुकाबले में 89.45 मीटर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल जीता। हालाँकि, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने बेहतर प्रदर्शन किया और 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
Arshad Nadeem won Gold, Neeraj Chopra won Silver, but Neeraj's mother is the real Diamond. It's because of her that Neeraj is so successful. What a graceful and considerate lady. God bless 🇮🇳🇵🇰❤️❤️#Paris2024 #OlympicGames pic.twitter.com/97AiDd8Dye
— Farid Khan (@_FaridKhan) August 9, 2024
बता दें कि नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। टोक्यो गेम्स में नीरज को गोल्ड मेडल मिला था। नदीम टोक्यो में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्हें चोट लगी हुई थी। सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा था। ऐसे में नीरज चोपड़ा ने पहल की और सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों का मुंह बंद कराया था।
नदीम के पिता पाकिस्तान में मजदूरी करते हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जब पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल बोर्ड यह तय कर रहा था कि पेरिस ओलंपिक के लिए जाने वाले सात एथलीटों में से किसे फंड देना है, तो केवल अरशद नदीम और उनके कोच को ही फंड के लिए योग्य माना गया। नदीम और उनके कोच सलमान फ़ैयाज़ बट भाग्यशाली थे, जिनके हवाई टिकटों की फंडिंग पीएसबी (पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड) द्वारा की गयी थी।
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