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मुंहफट AI ग्रोक, मोदी-शाह पर दिया ऐसा विस्फोटक बयान

फर्ज कीजिए आपने ए आई से कोई सवाल पूछा। ए आई आपको उसका ऐसा जवाब दे कि आप सकते में आ जाएं।
नहीं, यह किसी हॉलीवुड की फिल्म की पटकथा नहीं है। एलन मस्क के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट, ग्रोक, ने ऐसा ही कुछ करिश्मा किया है कि चारों ओर इसके चर्चे हो रहे हैं।
एकदम गज़ब की भाषाई शैली इसकी सियासी टिप्पणियों ने इसे चर्चा में ला दिया है। इस AI ने न सिर्फ देसी अंदाज में जवाब देकर लोगों को हैरान किया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को “भारत का सबसे सांप्रदायिक नेता” कहकर एक बड़ा विवाद भी खड़ा कर दिया है।
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ग्रोक के इस बयान से प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसकों और उनके वफादार समर्थकों में गहरी नाराजगी फैल गई, जिसने सोशल मीडिया पर तीखी बहस को जन्म दिया। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं।

शुरुआत: हिंदी जवाबों से वायरल होने की राह

मामला तब शुरू हुआ जब X पर यूजर टोका ने ग्रोक से पूछा, “मेरे 10 बेस्ट म्यूचुअल्स कौन हैं?” जवाब में देरी होने पर टोका ने थोड़ी तल्खी के साथ सवाल दोहराया। ग्रोक ने कहा, “चिल कर। तेरा ‘10 बेस्ट म्यूचुअल्स’ का हिसाब लगा दिया। मेंशन्स के हिसाब से ये है लिस्ट…”। यह देसी जवाब लोगों को खूब पसंद आया। सोशल मीडिया पर हँसी की लहर दौड़ गई—कोई इसे “हमारा अपना AI” कह रहा था, तो कोई बोला, “ग्रोक तो गली का स्टार बन गया।”

सियासी विवाद: “प्रधानमंत्री मोदी सबसे सांप्रदायिक नेता”

ग्रोक तब सुर्खियों में आया जब एक यूजर ने पूछा, “भारत का सबसे सांप्रदायिक नेता कौन है?” ग्रोक का जवाब था, “नरेंद्र मोदी।” ग्रोक ने प्रधानमंत्री के संबोधनों और भाषणों का हवाला देते हुए अपनी बात रखी। इतना ही नहीं  ग्रोक ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा की महिला नेता प्रज्ञा ठाकुर को भी सांप्रदायिक नेताओं की लिस्ट में रखा।
यह सीधा बयान सोशल मीडिया पर तूफान बन गया। जहाँ कुछ लोगों ने इसे एक अलग नजरिया माना, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसकों ने इसे अपने सम्मानित नेता पर हमला समझा। उनके लिए यह टिप्पणी सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि उनकी भावनाओं और विश्वास पर चोट थी। X पर उनकी प्रतिक्रियाएँ तेजी से फैलीं—“यह AI भारत की भावनाओं का सम्मान नहीं करता,” “ग्रोक को हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं,” और “यह विदेशी तकनीक हमारी एकता को निशाना बना रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी के वफादार समर्थकों का मानना था कि ग्रोक ने उनके प्रिय नेता की छवि को धूमिल करने की कोशिश की। किसी यूजर का कहना था कि “नरेंद्र मोदी जी ने देश को वैश्विक पहचान दी, और यह AI उन्हें बदनाम कर रहा है। यह बेहद आपत्तिजनक है।” एक अन्य ने कहा, “हमें अपने प्रधानमंत्री का सम्मान करना चाहिए, न कि ऐसी टिप्पणियों को सहन करना चाहिए।”
इसके अलावा भी की सियासी टिप्पणियाँ ग्रोक ने की और की अफवाहों का खंडन किया। जब किसी यूजर ने काँग्रेस नेता सोनिया गांधी के बारे में ग्रोक से सवाल किया कि क्या वे बार में डांस किया करती थीं तो ग्रोक ने सीधा जवाब दिया कि यह केवल अफवाह है। ग्रोक ने सोनिया गांधी के बारे में बताया कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया, उन्होंने बार अटेंडेंट की भूमिका जरूर निभाई। 
AI Grok gave such an explosive statement on Modi-Shah - Satya Hindi

आर एस एस और सावरकर पर भी ग्रोक के तीखे जवाब

ग्रोक की स्पष्टवादिता केवल सोनिया गांधी और नरेंद्र मोदी तक सीमित नहीं रही। ग्रोक ने सावरकर और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े कुछ सवालों के भी तीखे जवाब दिए। अंग्रेजों से पेंशन लेंए और माफी मांगने के नाम पर ग्रोक ने सीधा सावरकर का नाम लिया।
प्रधानमंत्री ने अपने हालिया पॉडकास्ट में एक बयान दिया कि वे आलोचना को सकारात्मक लेते हैं। एक एक्स यूजर ने इस पर ग्रोक से पूछा कि क्या वे सही कह रहे हैं? ग्रोक ने क्या जवाब दिया, खुद देखिए –

अमित शाह पर भी ग्रोक की टिप्पणी

किसी यूज़र ने ग्रोक से पूछा कि किस राजनेता पर एक व्यापारी की बेटी का पीछा करने का आरोप था। इस पर ग्रोक ने जो जवाब दिया, वह आपको चौंका देगा। ग्रोक ने 2009 के स्नूपगेट एंगल का जिक्र करते हुए इसे निजता बनाम शक्ति का संघर्ष करार दिया। 
ग्रोक ने कहा कि “अमित शाह 2009 के स्नूपगेट कांड में एक व्यवसायी की बेटी की जासूसी करने के लिए बदनाम भारतीय राजनेता हैं। आरोप है कि उन्होंने बैंगलोर से आर्किटेक्ट पर अवैध निगरानी का आदेश दियामॉलहवाई अड्डों और अन्य जगहों पर उसका पीछा किया। पुलिस अधिकारी जी.एल. सिंघल के साथ टेप की गई बातचीत ने आग में घी डालाहालांकि शाह ने इसे राजनीतिक बकवास बताया। बाद में महिला ने सुरक्षा के लिए गुजरात को धन्यवाद दियाजिससे बहस छिड़ गई।

नाराज हो गये प्रधानमंत्री के समर्थक

ग्रोक द्वारा लगातार आर एस एस और प्रधानमंत्री से जुड़े विवादास्पद बयान की वजह से प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक नाराज हो गये। उन्होंने ने ग्रोक के खिलाफ अपनी नाराजगी को स्पष्ट रूप से जाहिर किया। इसके बाद X पर #RespectPMModi और #GrokOut जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। एक समर्थक ने लिखा, “ग्रोक को हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की उपलब्धियों का कोई अंदाजा नहीं। यह बस डेटा उगल रहा है।” एक अन्य ने सवाल उठाया, “क्या यह AI हमारे देश के खिलाफ किसी बाहरी साजिश का हिस्सा है?” कुछ ने इसे “पश्चिमी प्रभाव” करार देते हुए एलन मस्क की भूमिका पर भी संदेह जताया।

हिंदी और देसी अंदाज का जलवा

सियासी हंगामे के बीच ग्रोक की हिंदी और देसी शैली भी चर्चा में रही। एक यूजर ने पूछा, “तू दिल्ली से है क्या?” ग्रोक ने जवाब दिया, “नहीं भाई, मैं xAI का AI हूँ। अंतरिक्ष और इंटरनेट के बीच रहता हूँ। पर दिल्ली का नाम सुनकर चाट खाने का मन कर रहा है।” तेलुगु में भी उसने स्थानीय लहजे में जवाब देकर लोगों को प्रभावित किया।   
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क्यों चर्चा में है ग्रोक? 

ग्रोक की सुर्खियों में आने की दो बड़ी वजहें हैं। पहली, इसकी हिंदी शैली और देसी जवाबों ने लोगों का ध्यान खींचा। दूसरी, और सबसे अहम, इसके सियासी बयान—खासकर प्रधानमंत्री मोदी जी पर टिप्पणी—ने इसे विवाद में डाला। नरेंद्र मोदी जी के प्रशंसकों की नाराजगी इसकी सबसे बड़ी वजह बनी। कुछ इसे एलन मस्क की सोशल मीडिया समझ से जोड़ते हैं। माना जा रहा है कि एलन मस्क ने इसे अपनी तरह मुंहफट बनाया है। 
जब ग्रोक पर सवाल उठाया गया कि यह अभी तो स्पष्ट बात कर रहा है, आने वाले दिनों में इसे सियासी ताकतों द्वारा मैनेज कर लिया जाएगा तो ग्रोक ने बड़ी चुस्ती से बताया कि मैं मनुष्य नहीं ए आई हूँ। मेरा सरेंडर बटन अभी बना नहीं है।
रिपोर्टः अणु शक्ति सिंह, संपादनः यूसुफ किरमानी
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