एक बेहद प्रचलित लोकोक्ति है, जो हरियाणा से लेकर बिहार तक पूरी हिंदी पट्टी में बार-बार दोहराई जाती है---
टैक्स बढ़ाओ और मुसलमानों की पिटाई दिखा दो तो सब चंगा सी!
- व्यंग्य
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- 4 Dec, 2024

प्रतीकात्मक तस्वीर।
मजदूरी करने वाले मुफ्त का पांच किलो अनाज लेकर मौज में है। मध्यम वर्ग टैक्स चुपचाप निकालकर दे देता है। बड़े उद्योगपति करोड़ों लेकर फरार हो जाते हैं। तो लोग आख़िर मगन किस चीज को लेकर हैं?
माया तेरे तीन नामपरसू परसा परसराम
नाम हैसियत के हिसाब से बदलते हैं। सबसे गरीब आदमी परसू, उससे थोड़ा बेहतर परसा और सबसे संपन्न आदमी का नाम परसराम जी।
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।