जिसे हिंदुओं का देश कहा जाता है, वहां हिंदू का सोना आजकल उसका सबसे मुश्किल हो गया है! जबसे मोदी जी आए हैं, बेचारे हिंदुओं को ज़रूरत से ज़्यादा जागना पड़ रहा है। 'जागो हिन्दू' सुबह से देर रात तक जारी रहता है। कैसी ट्रेजेडी है नीच कि आज हिंदू ही हिंदू को सोने नहीं दे रहा है। दिनभर का थका - मांदा हिंदू बेचारा जैसे ही सोने के लिए जाता है, कोई न कोई संघी, कोई न कोई भाजपाई, कोई न कोई योगी, कोई न कोई यति आ टपकता है। कहता है, ओ हिंदू भाइयो, ओ हिंदू माइयो, ओ हिंदू बहनो, जागो। सोने देते नहीं और कहते हैं, जागो! कोई सोएगा, तभी तो जागेगा! सतत जागरण की अवस्था में जो रहेगा, वह कैसे जागेगा! वह जागा हुआ होकर भी सोता रहेगा। इन्हें इससे मतलब नहीं। इनका एक ही नारा है, एक ही उद्देश्य है, हिंदू जागो!