पंजाब के किसानों ने मोदी सरकार को उसके द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों को लेकर सिर के बल खड़ा कर दिया है। इससे जुड़े अध्यादेश आने के बाद से ही उबल रहे पंजाब में कृषि क़ानून बनने के बाद किसान संगठन सड़क पर आ गए। शुरुआत में तो उन्होंने पंजाब तक ही आंदोलन सीमित रखा लेकिन जब मरकज़ी सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने इसका रूख़ दिल्ली की ओर मोड़ दिया है।
किसान आंदोलन: बीजेपी को राजनीतिक नुक़सान का डर!
- पंजाब
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- 28 Nov, 2020

पंजाब के किसानों ने मोदी सरकार को उसके द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों को लेकर सिर के बल खड़ा कर दिया है।
दिल्ली की हुक़ूमत में बैठी मोदी सरकार को अंदाजा था कि पुलिस की सख़्ती से डरकर किसान वापस लौट जाएंगे लेकिन सारी ताक़त का इस्तेमाल करने, सड़कों को खोदने, आंसू गैस से लेकर पानी की बौछार छोड़ना तक काम नहीं आया और डेढ़ दिन में ही खट्टर सरकार और दिल्ली पुलिस हार मान गई।