सुखबीर सिंह बादल को सर्वसम्मति से शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष दोबारा चुना गया है। उन्होंने अपनी पार्टी को 'पंजाब का असली वारिस' क़रार दिया है। उन्होंने वादा किया कि अकाली दल पंजाब के हितों की रक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। सुखबीर बादल का अध्यक्ष चुना जाना पंजाब की राजनीति में एक अहम मोड़ है, ख़ासकर 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाली दल अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाने की कोशिश में है।

सुखबीर सिंह बादल 2008 से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष रहे हैं और उनकी यह नियुक्ति कोई चौंकाने वाला मामला नहीं है। हाल के वर्षों में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में हार, 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलगाव और किसान आंदोलन के दौरान उसकी साख का बट्टा लगना शामिल है। इसके अलावा सुखदेव सिंह ढींडसा और बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सुखबीर के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इससे पार्टी में आंतरिक कलह की स्थिति भी बनी थी।