बड़ी दिलचस्प बात है कि जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।
चुनाव में बहाने के लिए धन आख़िर आता कहाँ से है?
- चुनाव 2019
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- 15 Mar, 2019

जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।
कहने को तो भारत आर्थिक तौर पर एक विकासशील (वास्तव में ग़रीब) देश है, लेकिन चुनावी ख़र्च के मामले में इस बार यह कई विकसित (जैसे अमेरिका) देशों को पीछे छोड़ने जा रहा है। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) के एक अनुमान के मुताबिक़ 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में संपन्न होने जा रहे 2019 के लोकसभा चुनाव में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए ख़र्च होने का अनुमान है।
विजयशंकर चतुर्वेदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। वह फ़िलहाल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते हैं।