यह चुनाव कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ी जाने वाली लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में काफी अलग है। अब तक इतनी कम सीटों पर कांग्रेस ने कभी चुनाव नहीं लड़ा था। जानिए, आख़िर किन राज्यों में उसने सहयोगियों के लिए सीटें छोड़ीं।
लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पहले से ही '400 पार' के नारे का रट लगा रही है, लेकिन क्या वह इस स्थिति में है? क्या पिछले चुनाव से इसकी तुलना करने पर क्या इसके संकेत मिलते हैं?
अलग-अलग मुद्दों पर शोध के लिए ख्यात अशोक विश्वविद्यालय के एक शोध पर विवाद हो गया है? 2019 के चुनाव में वोटों में गड़बड़ी की ओर इशारा करने वाले शोध पर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं। जानिए क्या है मामला।
अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद ‘राष्ट्र को धन्यवाद’ देते हुए नरेन्द्र मोदी अगर धर्मनिरपेक्षता के डिस्कोर्स को ध्वस्त करने को अपनी सबसे प्रमुख उपलब्धि बता रहे थे तो इसका संदेश क्या है?
चुनाव में बीजेपी की इतनी धमाकेदार जीत कैसे हुई कि यह 2014 के आँकड़े को भी पार कर गई? अमित शाह ने ऐसा क्या किया कि बीजेपी अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाई और कांग्रेस लगातार दूसरी बार धराशायी रही?
कांग्रेस एक बार फिर चुनाव हारी है और इस बार वह 2014 में मिली सीटों में सिर्फ़ 8 सीटों का ही इज़ाफ़ा कर पाई है। अब सवाल यह है कि क्या वह अब ख़ुद को खड़ी कर पाएगी।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 2 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार वह सिर्फ़ 1 सीट ही जीत पाई। दिग्विजय और सिंधिया भी बुरी तरह चुनाव हार गए।
नतीजों को देखकर लगता है कि बीजेपी को हटाने का दम विपक्ष में नहीं है। विपक्ष को ख़ुद को बदलने की ज़रूरत है। और अगर वे नहीं बदलते हैं तो फिर उनके लिए हालात बहुत मुश्किल होंगे।
अगर आर्थिक मोर्चे पर सरकार के नाकाम रहने के बाद भी चुनाव नतीजे एग्ज़िट पोल के मुताबिक़ आते हैं तो समझना चाहिए कि देश नरेंद्र मोदी नाम के एक जादूगर के इशारे पर नाचता है।
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान पूरा हो गया। एग्ज़िट पोल में क्यों बनती दीख रही है बीजेपी सरकार किसकी बनेगी सरकार? एग्ज़िट पोल का क्या कहना है? देखिए शीतल पी सिंह और अमिताभ की चर्चा।