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पिछले चुनाव में बीजेपी 72 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी, इस बार क्या होगा?

बीजेपी ने 2019 के चुनाव में 2014 से ज़्यादा मज़बूत स्थिति बनाई थी। तो इस बार भी क्या पहले की तरह ही नताजे होने जा रहे हैं या फिर विपक्षी इंडिया गठबंधन बीजेपी की रणनीति को फेल कर देगा? इसको समझने के लिए पिछले लोकसभा चुनावों के आँकड़ों से भी कुछ हद तक मदद मिल सकती है।

2014 के लोकसभा चुनावों में केवल 136 भाजपा सांसदों ने 50 प्रतिशत या उससे अधिक वोट शेयर हासिल किया था। पार्टी ने 2019 में इस वोट शेयर के साथ न केवल अपनी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की, बल्कि बड़े भौगोलिक दायरे में ऐसी जीत भी दर्ज की है। 2014 में बीजेपी ने 282 सीटें जीती थी। पार्टी 54 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। लेकिन पार्टी ने 2019 में 303 सीटें जीतीं और 72 सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही थी।

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बंगाल में 22 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी बीजेपी

2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी जहाँ दूसरे स्थान पर रही थी उसमें से पश्चिम बंगाल में 22, यूपी में 16, ओडिशा में 11, तमिलनाडु में 5, महाराष्ट्र में 2, झारखंड में 2, कर्नाटक में 2, छत्तीसगढ़ में दो और मध्य प्रदेश, गोवा, अंडमान निकोबार, पंजाब, केरल, असम, मणिपुर व दादर नगर हवेली में 1-1 सीट शामिल हैं।

यूपी में किन सीटों पर बीजेपी पिछड़ी थी?

उत्तर प्रदेश में जहाँ बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी उनमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, घोसी, गाज़ीपुर, रायबरेली, आंबेडकर नगर, श्रावस्ती, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर और मैनपुरी शामिल हैं। 

महाराष्ट्र में चंद्रपुर व बारामती, मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा, छत्तीसगढ़ में कोरबा व बस्तर, झारखंड में सिंहभूम व राजमहल जैसी सीटों पर बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी। 
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जानें कहाँ 5000 से कम के अंतर से हारी थी बीजेपी 

2019 में जहाँ पर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही, लेकिन 5000 वोटों से भी कम का अंतर रहा था वैसी दो सीटें थीं। पाँच से 10 हज़ार के अंतर से जहाँ दूसरे स्थान पर थी वैसी 4 सीटें थीं। 10-20 हज़ार के अंतर से दूसरे स्थान पर 2 सीटों, 20 से 30 हज़ार के अंतर से दूसरे स्थान पर 3 सीटों, 30-50 हज़ार अंतर से 4 सीटों, 50-80 हज़ार अंतर से 8 सीटों, 80 हज़ार से 1 लाख के अंतर से 11 सीटों पर बीजेपी रही थी। 

बीजेपी 1 लाख से 1.5 लाख के अंतर से 14 सीटों पर, डेढ़ लाख से दो लाख वोटों के अंतर से 9 सीटों पर, दो लाख से ज़्यादा अंतर से 15 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही।
बीजेपी के जो बड़े उम्मीदवार हारे थे उनमें हरदीप सिंह पुरी, दिनेश लाल निरहुआ, मनोज सिन्हा, संबित पात्रा जैसे नेता शामिल थे। हरदीप सिंह पुरी अमृतसर में क़रीब 99 हज़ार वोट से हार गए थे। दिनेश लाल निरहुआ आजमगढ़ में ढाई लोग वोटों से, मनोज सिन्हा 1.20 लाख वोटों से, संबित पात्रा क़रीब 12 हज़ार वोटों से, हंसराज अहीर चंद्रपुर में 45 हज़ार वोटों से हार गए थे। 
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इन सीटों पर मिले थे 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिन सीटों पर 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे उनकी संख्या 224 थी। जम्मू कश्मीर में दो, चंडीगढ़ में एक, हरियाणा में 9, दिल्ली में 7, पंजाब में 1, राजस्थान में 23, गुजरात में 26, गोवा में 1, महाराष्ट्र में 15, कर्नाटक में 22, हिमाचल प्रदेश में 4, उत्तराखंड में 5, उत्तर प्रदेश में 40, बिहार में 14, मध्य प्रदेश में 25, अरुणाचल प्रदेश में 2, असम में 7, त्रिपुरा में 1, झारखंड में 8, पश्चिम बंगाल में 5 और छत्तीसगढ़ में 6 सीटों पर बीजेपी को 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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