सस्पेंस ख़त्म हो गया। मोदी प्रचंड बहुमत से जीत गये। शायद यह कोई सस्पेंस था ही नहीं। राजनीतिक पंडित बुरी तरह से हवा को पकड़ने में नाकामयाब रहे। यही है मोदी की कामयाबी का राज। वह हवा के विपरीत चलने का माद्दा रखते हैं। परंपरा को दरकिनार कर देते हैं। तमाम विवादों और विरोधों के बावजूद अपने रास्ते से डिगते नहीं हैं।

बालाकोट की घटना ने मोदी को वह मौक़ा दे दिया जिसकी उन्हें तलाश थी। और पूरे चुनाव में वह कहते नहीं थके कि उन्होंने पाकिस्तान को घर में घुस कर मारा। सड़कों पर यह बात आम आदमी के मुँह से सुनना आम हो गया कि मोदी ने घर में घुस कर मारा। लोगों को लगा कि मोदी ही एक ऐसे नेता हैं जो पाकिस्तान को सबक सिखा सकते हैं।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।