लोकसभा 2019 के अंतिम चरम के मतदान की घड़ियाँ भी निकट आ गयी हैं, कुछ घंटों बाद ही प्रचार का शोर थम जाएगा। चुनावी पंडितों और पत्रकारों के आकलन आने लगे हैं। साथ ही साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष ने भी सत्ता को लेकर अपनी-अपनी संभावनाएँ तलाशना शुरू कर दी हैं। कोई नए साथी की तलाश में जुटा है तो कोई पुराने साथियों को सहेज कर रखने में। बंगाल में बवाल के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख अमित शाह ने पत्रकार परिषद में 300 सीटों से ज़्यादा जीतने का जो दावा किया उसे जाँचने के लिए हम पूर्ववर्ती चुनावों के आँकड़ों को देखते हैं तो तसवीर कुछ अलग ही नज़र आती है। ये आँकड़े अमित शाह के दावे के विपरीत कहानी कहते हैं।