केजरीवाल सरकार से 97 करोड़ माँगने का आधार कितना सही है? क्या बीजेपी की सरकारें सरकारी धन से अपना प्रचार नहीं कर रही हैं? क्या केंद्र की मोदी सरकार अपने प्रचार में हज़ारों करोड़ खर्च नहीं कर रही है? आख़िर इस समस्या का इलाज क्या है?
जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।