इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अब राजनीतिक दलों को इसके माध्यम से मिले चंदे को लेकर तरह-तरह के आँकड़े सामने आ रहे हैं। जानिए, इलेक्टरोल बॉन्ड से किसे किस रूप में फायदा हुआ।
पाँच राज्यों में चुनावी हलचल के बीच अब एक अप्रैल से नये चुनावी बॉन्ड जारी किए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह सोमवार को फ़ैसला दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने की एडीएआर की याचिक पर कोर्ट ने यह फ़ैसला दिया है।
जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।