‘अज्ञेय की ‘शरणार्थी’ संग्रह की कहानी ‘बदला’ याद है?’ ‘मंदिर और मसजिद’ की चर्चा के बाद आलोक राय ने पूछा। प्रेमचंद को पढ़ते हुए अज्ञेय की याद? जो हिन्दी के पेशेवर पाठक रहे हैं, उनके लिए यह ज़रा अटपटा-सा सवाल मालूम होगा। लेकिन जो साहित्य को ‘ग़ैरविचारधारात्मक’ तरीक़े से पढ़ पाने की सकत रखते हैं वे आलोक राय के सवाल से चौंकेंगे नहीं।