अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे पहला सवाल तो यह है कि आख़िर सरकार आर्थिक बदहाली की बात क्यों नहीं मानती है? जब ख़ुद सरकारी एजेंसियाँ और रिज़र्व बैंक आर्थिक स्थिति से जुड़े चिंताजनक आँकड़े देते हैं, सरकार क्यों लगातार इनकार कर रही है। यदि सरकार आर्थिक बदहाली की बात मानेगी ही नहीं, उसे ठीक करने के लिए कोई कदम कैसे उठाएगी?