भारतीय निर्यात फरवरी में अमेरिकी टैरिफ धमकियों से बुरी तरह प्रभावित हुआ। भारत सरकार के सरकारी सूत्रों ने रॉयटर्स को मंगलवार 11 मार्च को यह जानकारी दी। सरकारी अधिकारी ने कहा कि ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितता और डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा अमेरिका को शिपमेंट पर टैरिफ की धमकी के बीच भारत अब नीति में बदलाव करने जा रहा है। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 300 प्वाइंट्स तक गिरा। हालांकि बाद में संभला लेकिन यूएस का वॉल स्ट्रीट और अन्य देशों के बाजार सोमवार को बुरी तरह लुढ़क गये।
ट्रम्प की टिप्पणी से डर क्यों पैदा हुआः फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान, ट्रम्प ने अपनी व्यापार नीतियों का बचाव करते हुए कहा, "यह एक संक्रमण काल है। हम अमेरिका में धन वापस ला रहे हैं।" हालांकि, आर्थिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते टैरिफ महंगाई को बढ़ा सकते हैं और विकास को धीमा कर सकते हैं। एक निवेश प्रबंधक रेचल विंटर ने बीबीसी को बताया, "ट्रम्प जो टैरिफ लगा रहे हैं, उससे महंगाई बढ़ना अनिवार्य है।"
ट्रम्प की टिप्पणी का नतीजा यह निकला कि मार्केट में बिकवाली तेज हो गई। वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट दर्ज की गई। टेस्ला के शेयर 15.4% गिरे, जबकि एनवीडिया जैसे प्रमुख टेक फर्मों के शेयर 5% से अधिक गिरे, मेटा, अमेज़न और अल्फाबेट के शेयरों में भी तेज गिरावट देखी गई। एशियाई बाजार पर बीबीसी न्यूज ने बताया कि जापान का निक्केई 225 2.5% गिरा, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.3% गिरा, और ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 प्रारंभिक कारोबार में 1.8% गिरा।
आगे क्या होगा
बीबीसी ने अर्थशास्त्री मोहम्मद एल-एरियन को कोट करते हुए कहा कि निवेशकों को शुरू में ट्रम्प की डीरेग्युलेशन और टैक्स में कटौती की योजनाओं को लेकर भारी उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने व्यापार युद्ध की संभावना को कम आंका। कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम पर अतिरिक्त टैरिफ लगने की उम्मीद के साथ, निवेशकों को और अस्थिरता का डर है। बीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में अनिश्चितता बनी रहने की संभावना है, और विश्लेषकों को आने वाले महीनों में और आर्थिक उथल-पुथल की आशंका है।भारतीय निर्यातक दबाव में
अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे व्यापार भागीदारों द्वारा अपनाई जा रही आक्रामक नीतियों के कारण भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ रहा है। रॉयटर्स का कहना है कि भारत सरकार एक महीने के भीतर निर्यातकों को प्रोत्साहन देने पर निर्णय ले सकती है। नये वित्त वर्ष के लिए बजट में पहले ही धन आवंटित किया जा चुका है। हालांकि सरकार ने रॉयटर्स को अधिकृत टिप्पणी नहीं दी है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले गुरुवार को कहा था कि अमेरिकी टैरिफ का असर भारत पर महसूस किया जाएगा। ट्रम्प ने इससे पहले भारत को सबसे बड़ा टैक्स लादने वाला देश बताया था। इसलिए ट्रम्प ने कहा कि हम भी भारत पर टैक्स लगायेंगे। इसके बाद हालात बदतर होते चले गये।
अपनी राय बतायें