भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने रविवार को कहा है कि करनाल पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान का देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हरियाणा के करनाल में किसानों पर शनिवार को पुलिस की लाठीचार्ज की कार्रवाई विवादों में है। पुलिस के लाठीचार्ज में क़रीब 10 लोग घायल हुए हैं। किसान उस हाईवे को जाम किए हुए थे जो हरियाणा के करनाल की ओर जाता है। वे बीजेपी बीजेपी की उस बैठक का विरोध कर रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
चड़ूनी ने इस मामले में एक ट्वीट कर कहा कि सुशील काजल नाम के वह किसान 9 महीने से किसान आंदोलन में सहयोग दे रहे थे। उन्होंने लिखा, 'भाई सुशील काजल जो डेढ़ एकड़ के किसान थे, 9 महीने से आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी दे रहे थे। कल करनाल टोल प्लाजा पर जो पुलिस ने लाठियां चलाईं उनको बहुत चोट आई थी और रात को हार्ट फेल के कारण शरीर त्याग कर भगवान को प्यारे हो गए। किसान कौम इनके बलिदान की सदा आभारी रहेगी।'
इससे पहले उन्होंने उस लाठीचार्ज को लेकर कहा था, 'प्रशासन और सरकार का यह तानाशाह रवैया बर्दाश्त नही करेंगे। कल 11 बजे करनाल में हरियाणा के सभी किसान संगठनों की मीटिंग है। उस मीटिंग में अगला फ़ैसला लिया जाएगा और इस मीटिंग में हरियाणा के सभी किसान संगठनों को आना है जो आंदोलन में शामिल हैं। किसी को विशेष मैसेज नहीं दिया जा रहा है।'
इसी लाठीचार्ज से पहले वायरल एक वीडियो में करनाल ज़िले के एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा आन्दोलनकारी किसानों का सिर फोड़ने का निर्देश पुलिस वालों को देते हुए दिख रहे हैं। वे पुलिस कर्मियों को निर्देश देते हैं कि एक सीमा के आगे किसी किसान को किसी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाना चाहिए, भले इसके लिए उसका सिर फोड़ना पड़े।
वीडियो में आयुष सिन्हा को यह कहते सुना जा सकता है, 'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।' वे कहते हैं, "बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।"
इन घटनाओं के बाद आज रविवार को नूह में पहले से ही प्रस्तावित किसान महापंचायत हुई। उसमें शामिल हुए राकेश टिकैत ने पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कहा कि 'देश में सरकारी तालिबान का कब्जा हो चुका है।'
उन्होंने आगे कहा कि देश में सरकारी तालिबान के कमांडर मौजूद हैं और इन कमांडरों की पहचान करनी पड़ेगी। जब उनसे पूछा गया कि वे कमांडर कौन हैं तो उन्होंने कहा 'जिन्होंने आदेश दिया सर फोड़ने का वही कमांडर हैं।'
इस घटना को लेकर एक दिन पहले ही टिकैत ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री खट्टर के व्यवहार को 'जनरल डायर जैसा' व्यवहार क़रार दिया।
बता दें कि हरियाणा पुलिस ने शनिवार को उन किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिन्होंने राजमार्ग पर धरना देकर यातायात रोक दिया था। वहाँ बीजेपी की एक बैठक थी। केंद्र की बीजेपी सरकार जब से नये कृषि क़ानून लेकर आयी है तब से किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं की बैठकों और सभाओं का विरोध तो वे करते ही रहे हैं, क्षेत्र का दौरा करने आने पर उनका घेराव भी वे करते रहे हैं। शनिवार को जब बीजेपी नेताओं की बैठक हो रही थी तो किसानों ने इसके ख़िलाफ़ भी हाईवे पर जाम लगा दिया। इसी को लेकर एसडीएम ने किसानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।
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