बीजेपी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कैबिनेट के सबसे सीनियर मंत्री और विधायक अनिल विज को नोटिस जारी किया है। विज ने हाल ही में सीएम सैन और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के खिलाफ तीखे बयान दिये हैं। इस नोटिस को लेकर विज ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
विज को यह नोटिस सोमवार 10 फरवरी को मिला है। प्रदेश अध्यक्ष बडोली ने विज से नोटिस का जवाब तीन दिनों में मांगा है। बडोली ने मीडिया से इसकी पुष्टि की है। बडोली ने कहा- 'हां, (विज को) कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मुझे अभी तक उनसे कोई जवाब नहीं मिला है। उससे आगे कुछ भी विस्तार से नहीं बताना चाहेंगे।''
नोटिस में कहा गया है कि “राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप इस नोटिस का तीन दिन के भीतर लिखित उत्तर देंगे।” भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी विज की "आपत्तिजनक टिप्पणियों" से अवगत कराया गया, जिसके बाद उनके निर्देश पर विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
अक्टूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों के बाद से विज आरोप लगा रहे हैं कि उनके अंबाला छावनी निर्वाचन क्षेत्र में "कुछ ताकतों ने उनकी हार सुनिश्चित करने की कोशिश की।" हालांकि उन्होंने 7,200 से अधिक वोटों से वहां जीत हासिल की। सात बार विधायक रहे विज वर्तमान में सैनी मंत्रिमंडल में ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग संभाल रहे हैं।
सीएम सैनी के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से, विज विभिन्न मुद्दों पर पार्टी को परेशान करते रहे हैं और आक्रामक रहे हैं। उन्होंने नौकरशाहों को फटकार लगाई और यहां तक कि अपने कर्तव्यों में कथित तौर पर "लापरवाही" बरतने के लिए कुछ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन आदेश भी जारी किए।
पिछले महीने विज ने मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा। विज ने कहा था, 'हमारे सीएम कभी भी अपने उड़न खटोले से नीचे नहीं उतरते। जिस दिन से वह (सैनी) सीएम बने हैं, वह उड़ान भर रहे हैं। वह जमीन पर उतरते तो लोगों की पीड़ा सुनते। यह सिर्फ मेरी आवाज नहीं है - यह सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की आवाज है। सैनी उस समय दिल्ली में चुनाव प्रचार कर रहे थे और हरियाणा भवन में पत्रकारों को बुलाकर गरमागरम जलेबियां खिला रहे थे। बताया गया कि सीएम सैनी नाराज पत्रकारों को राजी करने में जुटे हुए हैं। इसके बाद चंडीगढ़ में भी सीएम आवास पर पत्रकारों को बुलाकर जलेबियां खिलाई गईं।
अनिल विज का आरोप है कि “हरियाणा चुनाव के दौरान, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मेरी हार सुनिश्चित करने की कोशिश की और मुझ पर हमला भी करवाया। चुनाव जीतने के एक हफ्ते के भीतर ही मैंने सार्वजनिक रूप से उन लोगों का मुद्दा उठाया जिन्होंने मुझे हराने की कोशिश में भूमिका निभाई। वे अधिकारी, कर्मचारी या छोटे राजनीतिक व्यक्ति थे। फिर भी, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
विज ने "अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन न करने" का हवाला देते हुए अपना "जनता दरबार" भी बंद कर दिया और यहां तक कि धमकी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह भी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आंदोलन करेंगे।
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