दिल्ली में बीजेपी एक बार फिर असमंजस की स्थिति में है। असमंजस यह है कि विधानसभा चुनाव के लिए वह सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे या न करे? पार्टी इस सवाल पर दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक हिस्सा वह है जो कहता है पार्टी को कोई चेहरा सामने लाकर ही चुनाव लड़ना चाहिए। इसके पक्ष में दलील यह है कि अगर पार्टी ने चेहरा घोषित नहीं किया तो फिर आम आदमी पार्टी (आप) के इस सवाल का कोई जवाब नहीं होगा कि क्या बीजेपी के पास दिल्ली में कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसे सामने लाकर पार्टी चुनाव लड़ सके। ‘आप’ यह सवाल उठा भी चुकी है। ‘आप’ के कई नेता तो बीजेपी को बिना दूल्हे वाली बारात भी कह चुके हैं।
दिल्ली: सीएम उम्मीदवार घोषित करने को लेकर बुरी तरह फंसी बीजेपी
- दिल्ली
- |
- |
- 2 Jan, 2020

दिल्ली में बीजेपी एक बार फिर असमंजस की स्थिति में है। असमंजस यह है कि विधानसभा चुनाव के लिए वह सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे या न करे?
दूसरी तरफ वे लोग हैं जो इतिहास की दुहाई दे रहे हैं। उनका मानना है कि अगर बीजेपी ने किसी चेहरे को सामने लाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की तो फिर वही हाल होगा जो पिछले पांच चुनावों में होता आया है। दिल्ली बीजेपी अंदर ही अंदर इतने गुटों में बंटी हुई है कि अगर किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया तो बाक़ी नेता या तो आधे मन से मैदान में उतरेंगे या फिर अंदरखाने इतना विरोध कर देंगे कि पार्टी 1998 से चल रहे राजनीतिक वनवास को ख़त्म नहीं कर पाएगी।