चुनावी सुगबुगाहट तो बिहार में भी कब से शुरू है जहाँ अगले साल अक्टूबर से पहले विधान सभा चुनाव होना है और इसकी तैयारी चल रही है। लेकिन सबसे तेज़ हलचल राजधानी दिल्ली में है जहाँ कभी भी चुनावों की घोषणा हो सकती है। इससे भी बड़ी बात ये है कि वहाँ जिन दो पार्टियों के बीच चुनावी मुक़ाबला है अर्थात भाजपा और आप, वे साल भर और 24 घंटे चुनावी मूड में रहने वाली पार्टियां है।इन दोनों पार्टियों ने लगातार एक दूसरे के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा है और इसी का परिणाम है कि चुनाव घोषित नहीं हुए और लगभग चुनाव प्रचार शुरू हो गया है उम्मीदवारों के नाम घोषित होने लग गए है और कार्यक्रमों की झड़ी लग गई है कहना न होगा कि इस क़ाम में भाजपा पूरे पांच साल से लगी हुई है और उसने आप की राज्य सरकार को गिराना है और उसके नाक में दम करने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है।कई बार उसकी कोशिशें संसदीय मर्यादाओं के उलट भी हुई है और सब किसी को ये लगता है कि ये क़दम है आप के नेताओं को परेशान करने के लिए उठाए जा रहे हैं तो किसी को भी यह समझने में दिक़्क़त नहीं होती है न कि किस तरह से आप ने भाजपा को पराजित किया है।
दिल्ली की चुनाव तैयारियों में क्या आप का मुक़ाबला है?
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- अरविंद मोहन
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- 10 Dec, 2024


अरविंद मोहन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन दलों के बीच मुक़ाबला है जो हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं। तो चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले तैयारियों में कौन आगे है- आप या बीजेपी?
भाजपा के लिए यह ज़्यादा परेशानी की बात है क्योंकि नरेन्द्र मोदी का डंका पूरे देश में बजता है लेकिन बार बाग़ दिल्ली मैं उनको पराजय झेलनी पड़ती है। उससे पहेले भी दिल्ली में लगातार पंद्रह साल कॉंग्रेस की सरकार रही है। इस तरह से भाजपा बीते पच्चीस वर्षों से दिल्ली की सत्ता से बाहर रही है। और आप तो आपने उसे स्थानीय निकाय चुनावों में भी बुरी तरह पराजित कर दिया है। इस पराजय के साथ ही यह सच्चाई भी भाजपा को दिखाई देती है कि लोक सभा चुनावों में उसे किसी क़िस्म का दबाव या चुनौती नहीं होती है। इस बार भी भाजपा ने बहुत आसानी से दिल्ली का चुनाव जीता जबकि आप ने कॉंग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
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अरविंद मोहन
अरविंद मोहन वरिष्ठ पत्रकार हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।