अगर उमर अब्दुल्ला के बयान का मतलब नेशनल कॉन्फ्रेंस का आधिकारिक बयान है तो अभिषेक बनर्जी के बयान को भी तृणमूल कांग्रेस का आधिकारिक बयान मानना चाहिए। और हम आप मानें न मानें लेकिन जब ईवीएम के दुरुपयोग के सवाल पर उमर अब्दुल्ला के बाद अभिषेक बनर्जी भी मिलता जुलता बयान दे रहे हैं तो कम से कम कांग्रेस को तत्काल इसका नोटिस लेना चाहिए। यह सवाल कॉंग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा हरियाणा और फिर महाराष्ट्र के नतीजों के बाद वोटिंग मशीन के दुरुपयोग पर उठाए जाने वाले हंगामे के बाद ही विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व के सवाल पर एक दौर में सभी गैर कांग्रेसी साझीदारों द्वारा ममता बनर्जी को नेता बनाने की मांग के साथ सामने आया है।