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छत्तीसगढ़ में होना चाहिए इंसाफ: टीएस सिंहदेव

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव का भी बयान सामने आया है। टीएस सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में इंसाफ होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं है। 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब मुख्यमंत्री पद की दौड़ में टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल ही थे। लेकिन कुर्सी बघेल के हाथ लगी थी। 

पिछले साल छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सियासत में तब भूचाल आया था जब टीएस सिंहदेव कुछ समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली आ गए थे। उसके बाद भूपेश बघेल भी दिल्ली आए थे और उन्होंने हाईकमान के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। 

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द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में टीएस सिंहदेव ने कहा है कि उन्हें अभी भी इस बात की उम्मीद है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी हाईकमान के किसी भी आदेश का पालन करेंगे। टीएस सिंहदेव ने हाल ही में अपना एक अहम विभाग भी छोड़ दिया था। 
पिछले साल अगस्त में कांग्रेस हाईकमान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रहा था लेकिन भूपेश बघेल समर्थक विधायकों की ताकत को देखते हुए हाईकमान को पीछे हटना पड़ा था।

टीएस बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले टीएस सिंहदेव ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को 4 साल पूरे होने वाले हैं और चुनाव नजदीक हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मामले में कांग्रेस हाईकमान जो भी फैसला करेगा सभी विधायक उसे मानेंगे। 

अखबार की ओर से यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या राज्य में नेतृत्व परिवर्तन ना होने की वजह से क्या किसी तरह की निराशा है, उन्होंने कहा कि चूंकि इस बारे में फैसला कांग्रेस हाईकमान को करना है इसलिए उनका इस संबंध में कुछ भी कहना बेहद मुश्किल होगा। लेकिन एक बात वह निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि हर कोई इस बात को महसूस करता है कि इंसाफ होना चाहिए। 

TS Singh Deo says justice should be done in Chhattisgarh Congress crisis - Satya Hindi

गहलोत पर टिप्पणी

राजस्थान के सियासी संकट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने राज्य के विधायकों को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो वह पार्टी का नेतृत्व कैसे करेंगे। बताना होगा कि राजस्थान में बीते रविवार को हुए सियासी घटनाक्रम के बाद यह कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गए हैं लेकिन अब यह खबर सामने आई है कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली बुलाया है और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए कहा है। 

राजस्थान के सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस हाईकमान भी अशोक गहलोत पर सीधी कार्रवाई करने से बचता हुआ दिखाई दिया है। 

छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के समर्थक यह तर्क देते हैं कि 2018 में ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री का फ़ॉर्मूला तय हुआ था जिसमें ढाई साल के लिए बघेल और ढाई साल के लिए सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना था। लेकिन बघेल के समर्थकों का कहना है कि ऐसा कोई भी फ़ॉर्मूला तय नहीं हुआ था।

जय-वीरू की जोड़ी 

बताना होगा कि 2018 से पहले छत्तीसगढ़ में 15 साल तक बीजेपी ने एकछत्र शासन किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव कांग्रेस में जय-वीरू की जोड़ी के नाम से जाने जाते थे। दोनों ने मिलकर कांग्रेस को 2018 में बड़ी जीत दिलाई थी और 90 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस ने 71 सीटें जीती थी। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों नेता आमने-सामने आ गए थे।

TS Singh Deo says justice should be done in Chhattisgarh Congress crisis - Satya Hindi

90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ की विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पास तीन और बीएसपी के पास 2 विधायक हैं। 

आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में काफी मजबूत दिखाई देती है लेकिन अगर टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच घमासान बढ़ता है तो पार्टी के लिए अगले साल विधानसभा चुनाव में वापसी करना मुश्किल हो सकता है। राज्य में अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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