पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का बैन लगाने के विरोध और समर्थन पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं बहुत तीखी हैं। बीजेपी के नेता, मंत्री और कार्यकर्ता इसे मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं तो कांग्रेस, जेडीयू, सपा में तमाम ऐसे लोग भी हैं जो आरएसएस को इसके जैसा ही संगठन मानते हुए बैन की मांग कर रहे हैं। आरजेडी संस्थापक लालू यादव ने पीएफआई की तुलना आरएसएस से करते हुए कहा कि संघ पर क्यों नहीं बैन लगाया जा रहा है। पीएफआई से पहले संघ पर बैन लगना चाहिए था।