नरेंद्र मोदी सरकार भले ही यह दावा करे कि उसने माओवादियों से सख़्ती से निपटा है और इन अतिवामपंथी विद्रोहियों का लगभग सफ़ाया हो गया है, सच यह है कि पिछले पाँच साल में माओवादी पहले से अधिक हुए हैं और उनकी तीव्रता भी अधिक रही है। यानी नरेंद्र मोदी सरकार के रहते हुए माओवादियों ने अधिक घातक हमले किए हैं, जिसमें सीआरपीएफ़ और दूसरे केंद्रीय सुरक्षा बलों को अधिक नुक़सान उठाना पड़ा है।
मोदी राज में हुए हैं अधिक और ज़्यादा घातक माओवादी हमले?
- छत्तीसगढ़
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- 5 Apr, 2021
नरेंद्र मोदी सरकार भले ही यह दावा करे कि उसने माओवादियों से सख़्ती से निपटा है और इन अतिवामपंथी विद्रोहियों का लगभग सफ़ाया हो गया है, सच यह है कि पिछले पाँच साल में माओवादी पहले से अधिक हुए हैं और उनकी तीव्रता भी अधिक रही है।

साल 2014 के आम चुनाव के समय चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और ख़ास कर नरेंद्र मोदी ने यह दावा किया था कि उनकी सरकार आई तो माओवादी समस्या से बेहतर ढंग से निपटा जाएगा क्योंकि मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार के पास कोई कार्य योजना ही नहीं है।