छत्तीसगढ़ में आ रहे कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामलों के बीच रायपुर के सरकारी भीम राव आंबेडकर अस्पताल का एक वायरल वीडियो दिल दहलाने वाला है। उस वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के कमरे में, गैलरी में और कमरे के बाहर यहाँ-वहाँ शव रखे हुए हैं। कुछ शव स्ट्रेचर पर तो कुछ फर्श पर भी रखे हुए हैं। कहा जा रहा है कि ये शव अस्पताल के उस हिस्से में रखे हुए हैं जहाँ कोरोना मरीज़ों की मौत के बाद शव रखे जाते हैं। रायपुर के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में शव रखे जाने की क्षमता से ज़्यादा मौत के मामले आने के कारण जगह कम पड़ गई है।
यह उस शहर का अस्पताल और वीडियो है जहाँ 48 घंटों में 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। निजी अस्पतालों में भी दर्जनों मरीज़ों की मौत हुई है। इसमें से अधिकतर कोरोना संक्रमित मरीज़ हैं। रायपुर में एक दिन में 2833 संक्रमण के मामले आए हैं। शहर में अब तक कुल 1203 मौतें हो चुकी हैं। रायपुर में लॉकडाउन लगा है। छत्तीसगढ़ में पूरे राज्य में हर रोज़ लगातार 10 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आ रहे हैं।
सरकारी अस्पताल में इतने ज़्यादा शवों को रखे जाने की बड़ी वजह देरी को बताया जा रहा है। 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कहा जा रहा है कि शवों को परिजनों को सौंपने या फिर अंतिम संस्कार के लिए भेजने की प्रक्रिया में देर हो रही है जिसकी वजह से शवगृह भर गया है।'
एक रिपोर्ट के अनुसार रायपुर के इस सरकारी अस्पताल में पिछले कई दिनों से आईसीयू और ऑक्सीजन वाले बेड 100 फ़ीसदी फुल हो गए हैं।
'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल ने कहा, 'कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता था कि एक ही बार में इतनी सारी मौतें होंगी। सामान्य संख्या में होने वाली मौतों के लिए हमारे पास पर्याप्त फ्रीजर हैं। लेकिन हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि एक से दो मौतों वाली जगह पर 10-20 मौत की रिपोर्ट कैसे आ रही हैं। यदि हम 10-20 मौतों के लिए तैयारियाँ कर रहे हैं तो 50-60 लोग मर रहे हैं। हम एक साथ इतने लोगों के लिए फ्रीजर की व्यवस्था कैसे कर सकते हैं?'
रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रायपुर शहर में हर दिन औसतन 55 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है और उनमें से ज़्यादातर कोरोनो वायरस रोगी हैं।
मीरा बघेल ने कहा कि होम क्वारेंटीन जैसे उपायों की वजह से एक तरह से कोरोना के ख़िलाफ़ जीत के क़रीब थे, लेकिन हम अभी तक इस नई लहर को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले आ रहे हैं जहाँ बिना लक्षण वाले मरीज़ों की तेज़ी से हालत बिगड़ जा रही है और दिल के दौरे पड़ने से मौत हो जा रही है।
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