क्या 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा के अब कोई मायने नहीं रह गए हैं? कुछ दिन पहले ही झारखंड विधानसभा ने एक विशेष सत्र के दौरान राज्य में आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने वाले विधेयक को अपनी मंजूरी दी है और अब छत्तीसगढ़ में ऐसी ही तैयारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार 1 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान एसटी/एससी और अन्य श्रेणियों के लिए जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के लिए एक क़ानून बनाने की योजना बना रही है।
झारखंड में 77% के बाद छत्तीसगढ़ में आरक्षण 81% करने की तैयारी?
- छत्तीसगढ़
- |
- |
- 21 Nov, 2022
ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले के बाद जिस तरह से कई राज्यों में 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा के पार जाने के कयास लगाए जा रहे थे, क्या अब उसकी शुरुआत हो गई है?

छत्तीसगढ़ में यह तैयारी तब चल रही है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण पर मुहर लगाते हुए 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा पर अपना रुख बदलने का संकेत दिया है। तब इसने कहा कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा के बाद भी आरक्षण देने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या अब आरक्षण के लिए वो पुरानी मांगें फिर से नहीं उठेंगी जिसके लिए कभी भारी हिंसा तक हो चुकी है? कई राज्यों में आरक्षण की ऐसी मांगें की जाती रही हैं, लेकिन 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा का हवाला देते हुए उनकी मांगों को ठुकरा दिया जाता रहा है।