बीते दिनों छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में
सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। हिंसा से प्रभावित जिले के बिरनपुर गांव के पास बुधवार
को 55 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके बेटे की लाश पाई गई है। दोनों ही व्यक्तियों की लाश
गांव से पांच किलोमीटर दूर पाई गई है।
इस मामले में बेमेतरा की पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण
एलेसेला ने पत्रकारों को बताया कि बिरनपुर से करीब पांच किलोमीटर दूर कोरवाया गांव
में सुबह के समय दोनों शव बरामद किये गये। पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान
बीरनपुर निवासी रहीम मोहम्मद और उसके बेटे इडुक मोहम्मद (34) के रूप में हुई है। एलेसेला ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार शवों के सिर
पर चोटें पाई गई हैं, लेकिन मौत के असली कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद चलेगा।
पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी हत्या की गई या फिर आपसी लड़ाई में उनकी
मौत हुई। मामले में आगे की जांच चल रही है।
बेमेतरा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित
बिरनपुर गांव में आठ अप्रैल को स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद कथित तौर पर बाद
सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस झड़प में स्थानीय निवासी 22 साल के भुनेश्वर
साहू की मौत हो गई थी, साथ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
हिंसा के बाद बेमेतरा प्रशासन ने मंगलवार की शाम को
पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही गांव की तरफ जाने वाली सभी
सड़कों पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी है। गांव में किसी भी प्रकार की हिंसा को
रोकने के लिए एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया है।
अधिकारियों अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने बेमेतरा में पिछले
सप्ताह हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू के परिवार के एक सदस्य
को नौकरी तथा दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने
हैं। इसके लिए सांप्रदायिक शक्तियां माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं। रामनवमी
के दिन देश के अलग-अलग राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही
है। रामनवमी के दिन बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात तथा महाराष्ट्र में हिंसा
देखने को मिली थी। उसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है।
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