एक दिन पहले गुरुवार को भी हावड़ा में रामनवमी के जश्न के बीच दो गुटों के बीच झड़प के बाद हुई थी। कई वाहनों में आग लगा दी गई और पथराव किया गया। रामनवमी की शोभायात्रा के इलाके से गुजरने के तुरंत बाद हिंसा भड़क गई। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों में देखा गया था कि कई वाहन आग की लपटों में घिरे थे। घटनास्थल से वीडियो में एक पुलिस वैन और उनके शीशे टूटे हुए कार भी देखे गए थे। क्षेत्र में दंगा नियंत्रण बल और पुलिसकर्मी भी तैनात हैं।
Violence on #Ramanavmi procession in Howrah, West Bengal Azaan in background, while attack is on.
— Oxomiya Jiyori 🇮🇳 (@SouleFacts) March 30, 2023
Hindus can't even celebrate Hindu festivals in a Hindu majority country. And what is this narrative of “Muslim area”. .. remember 80 percent is Hindus area.
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गुरुवार को हिंसा के बाद स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया था।
रामनवमी पर पश्चिम बंगाल के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी ऐसी ही हिंसात्मक झड़प की ख़बरें आई हैं। गुजरात के वडोदरा शहर के फतेहपुरा इलाके में गुरुवार को कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले बुधवार शाम को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प के दौरान एक पुलिस दल पर हमला किया गया और उनके कई वाहनों में आग लगा दी गई। हालाँकि, इन घटनाओं को छोड़कर देश में बाक़ी जगहों पर शांतिपूर्वक रामनवमी मनाई गई।
बहरहाल, पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'दंगाइयों को देश का दुश्मन कहा'। उन्होंने ऐसे लोगों को कड़ी चेतावनी दी है। बता दें कि ममता केंद्र की नीतियों के खिलाफ कोलकाता में दो दिवसीय धरने पर हैं और इसको लेकर ही बीजेपी ने तीखी आलोचना की है। बीजेपी ने रामनवमी के दिन 30 मार्च को विरोध प्रदर्शन की घोषणा करने के लिए तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है।
बीजेपी के अमित मालवीय ने आरोप लगाया है, 'हिंदू भावनाओं का अपमान करते हुए ममता बनर्जी ने रामनवमी पर धरना दिया, फिर हिंदुओं को मुस्लिम क्षेत्रों से बचने की चेतावनी दी, क्योंकि यह रमजान था, यह भूलकर कि हिंदू भी नवरात्र के उपवास कर रहे थे। पश्चिम बंगाल की गृहमंत्री के रूप में वह हावड़ा हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य विधानसभा में भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि जो लोग "सनातन संस्कृति" में विश्वास करते हैं, वे राम की जयंती मनाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस दिन छुट्टी घोषित करने के बजाय उन्होंने मनगढ़ंत और झूठे दावे करके विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
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