क्या ममता बनर्जी सोची समझी रणनीति के तहत केंद्र सरकार के साथ टकराव के रास्ते पर चल पड़ी हैं? क्या तृणमूल कांग्रेस-भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक लड़ाई केंद्र-राज्य सरकारों के बीच की लड़ाई बनने जा रही है? क्या एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार ‘केंद्र के साथ सौतेले व्यवहार’ को मुद्दा बनाएगी? लगता तो ऐसा ही है।