पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वे चाहें तो उनकी सरकार बर्ख़ास्त कर दें, पर वे किसी कीमत पर राज्य में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू नहीं करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘आप चाहें तो मेरी सरकार बर्ख़ास्त कर दें, पर मैं किसी कीमत में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी लागू नहीं होने दूंगी।’
इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता शहर के बीचोबीच पदयात्रा की अगुआई की है। उनका फ़ोकस शांति व्यवस्था बनाए रखने पर था और उन्होंने लोगों से बार-बार अपील की कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही करें। कोलकाता के मशहूर रेड रोड से मध्य कोलकाता के जोड़ासांकू स्थित रवींद्र भारती विश्वविद्यालय तक की इस पदयात्रा में बड़ी तादाद में लोग उनके साथ-साथ चल रहे हैं। ये लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए तो हैं ही, इसके अलावा बुद्धिजीवी भी बड़ी तादाद में इसमें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एनआरसी और नागरिकता संशोधन क़ानून को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। किसी को बाहर नहीं किया जाएगा। हम सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पक्षधर हैं।’
पदयात्रा शुरू होने के पहले उसमें भाग लेने वाले सभी लोगों ने एक शपथ लिया। इसमें कहा गया है, ‘हम सब इस देश के नागिरक हैं, कोई हमसे यह नहीं छीन सकता।’
ममता बनर्जी ने यह पदयात्रा ऐसे समय की है, जब पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त गुस्सा है और लोग सड़कों पर हैं।
मुर्शिदाबाद, मालदह, बीरभूम, उत्तर व दक्षिण चौबीस परगना ज़िलों में लोगों ने सड़कों पर उतर कर तोड़फोड़ की है, ट्रेन व बसोें में आग लगाई है, रेल-स्टेशन में तोड़फोड़ की है। वहां से 5 ट्रेनों, तीन रेलवे स्टेशनों और 25 बसों में तोड़फोड़ किए जाने की ख़बर है।
इस क़ानून के अनुसार 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बाँग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। पर इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि यह क़ानून संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ है। इन दलों का कहना है कि यह क़ानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है और धार्मिक भेदभाव के आधार पर तैयार किया गया है।
'तोड़फोड़ करने वालों ने बीजेपी से पैसे लिए'
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ लोगों ने बीजेपी से पैसे ले लिए और वे ही तोड़फोड़ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की पदयात्रा के बीच राज्य के दूसरे हिस्सों में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर पांसकुड़ा के नज़दीक लोगों ने जाम लगा दिया और टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया। नागरिकता संशोधन विधेयक के बहाने राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच की लड़ाई खुल कर सामने आ गई है। राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने मुख्यमंत्री की पदयात्रा को ‘असंवैधानिक’ क़रार दिया है। उन्होंने इसे ‘भड़काऊ’ भी बताया है। धनकड़ ने कहा :
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मुख्यमंत्री को राज्य में स्थिति सामान्य करने पर ध्यान देना चाहिए, जहाँ पिछले 3 दिनों से उग्र विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
जगदीप धनकड़, राज्यपाल, पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी ने कहा है, ‘बीजेपी की नीति है कि वह अपने लोगों के अलावा बाकी सबको बाहर निकाल दिया जाए। पर ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। यह देश सबका है। अगर सबका साथ नहीं होगा, तो सबका विकास कैसे होगा?’
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई में वह अकेली नहीं है। उनके साथ दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब और केरल के मुख्यमंत्री भी हैं, जिन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून को लागू करने से इनकार कर दिया है।
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