चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके की क़ाबिलियत किसी से छिपी नहीं है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कामयाबी दिलाने के बाद वे विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों के साथ काम कर चुके हैं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे पीके पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में हैट्रिक बनाने का सपना देख रही ममता की पार्टी के लिए वरदान साबित होंगे या अभिशाप?