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बीजेपी: मदर टेरेसा के बहाने ममता कर रही हैं सांप्रदायिक राजनीति

पश्चिम बंगाल बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक राजनीति करने और लोगों की भावनाएँ भड़काने के आरोप लगाए हैं। राज्य बीजेपी प्रमुख शांतनु मजुमदार ने कहा है कि मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी का खाता फ्रीज़ करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने लोगों की भावनाएं भड़काई हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में वे एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन ओवैसी से भी अधिक सक्रिय  रही हैं। 

पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख ने कहा,

देश में सांप्रदायिक राजनीति भड़काने में ममता बनर्जी असदउद्दीन ओवैसी से आगे हैं। उन्होंने मौलानाओं, मुअज्जिमों को पैसे देने शुरू कर दिए हैं और वही काम ईसाइयों के साथ करने जा रही हैं।


शांतनु मजुमदार, अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल बीेजेपी

सांप्रदायिक कोण

उन्होंने इसके आगे कहा कि ममता बनर्जी को हर मामले में सांप्रदायिक कोण ढूंढने और केंद्र सरकार को घसीटने की आदत पड़ चुकी है। 

शांतनु मजुमदार यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा,

ममता बनर्जी देश में अस्थिरता पैदा करना चाहती हैं। इससे पड़ोसी देश को फ़ायदा होगा जो भारत में गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं।


शांतनु मजुमदार, अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल बीेजेपी

मदर टेरेसा की संस्था पर विवाद

बता दें कि मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी सोमवार को उस समय खबरों में आई जब गृह मंत्रालय ने 'कुछ प्रतिकूल निवेश के पता चलने के बाद' फॉरन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (एफसीआरए) का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने से इनकार कर दिया।

लेकिन मीडिया में शुरुआती खबर यह थी  कि मिशनरीज़ के खाते को केंद्र सरकार ने फ्रीज़ कर दिया है। इस पर ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था, 

ममता के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस पर दुख जताया था। थरूर ने कहा कि जब मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार मिला था तो भारत सरकार ने खुशी जताई थी। जब उनकी संस्था गरीबों की सेवा करती है तो उसका दमन किया जाता है।पश्चिम बंगाल सीपीआईएम के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार की आलोचना  की थी।

क्या कहा था सरकार ने?

गृह मंत्रालय ने कहा था कि मंत्रालय ने मिशनरीज आफ चैरिटीज के बैंक खाते फ्रीज नहीं किए। मंत्रालय को स्टेट बैंक आफ इंडिया ने बताया कि लाइसेंस का नवीनीकरण न होने पर मिशनरीज आफ चैरिटी ने एसबीआई से अनुरोध किया कि उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएं।
इसके बाद मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी ने कहा था कि  कहा कि उनके एफसीआरए आवेदन को अनुमति नहीं दी गई, इसके बाद सभी केंद्रों को उनसे जुड़े बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया।
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क़मर वहीद नक़वी
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