बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस का स्टैंड ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ कड़ा होता जा रहा है। कल शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद आज शनिवार को कांग्रेस ने राज्यभर में प्रदर्शन किया और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। राज्य में नामांकन भरने के दौरान आज शनिवार को टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सीधे टकराव हुआ है। राज्यपाल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को बातचीत के लिए तलब किया है। कांग्रेस के कड़े स्टैंड को देखते हुए इसका असर 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी एकता रैली पर पड़ सकता है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पटना बैठक में जाने का ऐलान पहले ही कर दिया था लेकिन अब नए हालात में वो अपना स्टैंड बदल सकती हैं। वो बंगाल में अपनी पकड़ कमजोर करने की कीमत पर विपक्षी एकता पर जोर नहीं देना चाहेंगी।
चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि शेख अपने बेटे के साथ अपने आवास के सामने बैठे थे, जब तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता रफीक के नेतृत्व में बदमाशों के एक समूह ने उन पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी। राज्य चुनाव आयोग ने इस मामले में मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
मामला तूल पकड़ रहा
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज राज्य में इस हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया। कोलकाता में राज्य निर्वाचन कार्यालय पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। इस बीच राज्य के कुछ हिस्सों से टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प और पथराव की खबरें हैं। डोमकल इलाके में दोनों दलों के बीच सीधा टकराव हुआ है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि टीएमसी ने बीडीओ दफ्तर को घेर लिया और कांग्रेस के लोगों को नामांकन नहीं करने दिया।
बीजेपी ने भी मांग की है कि पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात किए जाएं।
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