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शिक्षक भर्ती घोटाला: टीएमसी विधायक मणिक भट्टाचार्य गिरफ्तार

जांच एजेंसी ईडी ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक मणिक भट्टाचार्य को मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले ईडी ने विधायक से रात भर पूछताछ की थी। मणिक भट्टाचार्य तृणमूल के दूसरे ऐसे नेता हैं जिनकी शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तारी हुई है। 

इस साल जुलाई महीने में जांच एजेंसी ईडी ने ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से 50 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया गया था। इसके अलावा 5 किलो से ज्यादा सोना और अहम दस्तावेज भी मिले थे। 

ईडी इस मामले में सरकारी सहायता से चलने वाले स्कूलों में शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टाफ कर्मचारियों की भर्ती में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। 

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टीएमसी ने पार्थ चटर्जी को तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया था और पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया था। पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से थे और पश्चिम बंगाल में जब वामदलों की सरकार थी तब ममता बनर्जी के साथ मिलकर उन्होंने वामदलों की सरकार को हटाने के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। ममता बनर्जी उन्हें पार्थो दा कहकर पुकारती थीं और उन पर बहुत भरोसा करती थीं।

मणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की पलाशीपार सीट से विधायक हैं और पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं। पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। गिरफ्तारी से पहले भट्टाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उन्हें दी गई अंतरिम राहत का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भट्टाचार्य की गिरफ्तारी पर उन्हें अंतरिम राहत दी गई थी। 

Trinamool Congress MLA Manik Bhattacharya arrested in Bengal SSC Scam - Satya Hindi

क्या है मामला?

पूर्व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी पर स्कूल सेवा आयोग यानी एसएससी की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से की गई नियुक्तियों में धांधली का आरोप है। जब भर्तियां की गई थीं तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 

कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा था कि पार्थ चटर्जी की ओर से बनाई गई एक सुपरवाइजरी कमेटी इस पूरे कथित घोटाले की जड़ है। हाई कोर्ट की बेंच ने इस मामले में हुई भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। 

हाई कोर्ट ने बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चन्द्र अधिकारी की बेटी की सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्ति को रद्द कर दिया था और उन्हें 41 महीने की नौकरी के दौरान प्राप्त सारा वेतन लौटाने का निर्देश दिया था। 

Trinamool Congress MLA Manik Bhattacharya arrested in Bengal SSC Scam - Satya Hindi

टीएमसी के कई नेता निशाने पर

बता दें कि टीएमसी में ही कई नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। टीएमसी में नंबर दो और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी से सीबीआई ने पूछताछ की थी। बाद में ईडी ने भी रुजिरा से पूछताछ की। 2019 में टीएमसी नेता मुकुल रॉय से सीबीआई ने पूछताछ की थी। मुकुल रॉय का मामला नारदा केस से जुड़ा था। बाद में मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हो गए थे और कुछ साल बीजेपी में रहने के बाद टीएमसी में वापस लौट आए थे। 

2021 में नारदा स्टिंग मामले में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई ने पूछताछ के बाद इन चारों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। 

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नारदा केस में सीबीआई ने अप्रैल 2017 में कोर्ट के आदेश के बाद एक एफ़आईआर दर्ज की थी। इसमें टीएमसी के क़रीब 13 नेताओं के नाम थे और उनमें से कई से पूछताछ की गई थी। इसमें मुकुल रॉय भी शामिल थे।

क्या है नारदा मामला?

नारदा न्यूज़ पोर्टल के संपादक और प्रबंध निदेशक सैमुएल ने 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक स्टिंग वीडियो प्रसारित किया था। वीडियो में टीएमसी के सांसदों और मंत्रियों सहित टीएमसी के कई नेताओं को कथित तौर पर रुपये लेते देखा गया था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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