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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ होंगे भारत के अगले सीजेआई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का नाम केंद्र सरकार को भेजा है। अब यह तय है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के अगले चीफ जस्टिस होंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस होंगे। उनका कार्यकाल 2 साल का होगा और वह नवंबर, 2024 में रिटायर होंगे। 

सीजेआई यूयू ललित इस साल 8 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। इससे पहले पूर्व सीजेआई एनवी रमना इसी साल 26 अगस्त को रिटायर हुए थे और उन्होंने अगले सीजेआई के रूप में यूयू ललित के नाम की सिफारिश की थी। सीजेआई के रूप में यूयू ललित का कार्यकाल 3 महीने का रहा।

जस्टिस यूयू ललित 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे और इससे पहले वह सुप्रीम कोर्ट में बतौर सीनियर एडवोकेट वकालत करते थे। उनके पिता जस्टिस यू आर ललित भी सीनियर एडवोकेट थे और दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे।

CJI UU Lalit Recommends Justice DY Chandrachud His Successor - Satya Hindi

कानून मंत्रालय ने पिछले शुक्रवार को सीजेआई यूयू ललित को पत्र लिखकर अगले सीजेआई के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया था। 

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कौन हैं जस्टिस चंद्रचूड़?

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई करने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इकनॉमिक्स और मैथमेटिक्स में ऑनर्स किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली है। इसके साथ ही उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ़ जूरिडिकल साइंसेज की पढ़ाई भी की है।

जस्टिस चंद्रचूड़ 1998 से लेकर 2000 तक भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। वह जून, 1998 से मार्च 2000 तक मुंबई हाई कोर्ट में सीनियर एडवोकेट रहे हैं। मार्च 2000 से अक्टूबर 2013 तक वह बॉम्बे हाई कोर्ट में जज रहे और अक्टूबर 2013 से मई 2016 तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे।

मई 2016 में वह सुप्रीम कोर्ट में जज बने। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकालत के अपने करियर में एडवोकेट के तौर पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर गुजरात, कोलकाता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली में प्रैक्टिस की है। एडवोकेट के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ संवैधानिक और प्रशासनिक कानूनों से जुड़े कई मामला को देखते रहे हैं। इसके इसके साथ ही वह एचआईवी पॉजिटिव, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों और श्रम व औद्योगिक कानूनों के मामलों से जुड़े रहे हैं। 

जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में जजों के खिलाफ मीडिया में किए गए व्यक्तिगत हमलों पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि आप जजों को कितना निशाना बना सकते हैं इसकी एक सीमा है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने पिछले साल कहा था कि यह देश के बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है कि वे सरकार के झूठ को बेनकाब करें।

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क़मर वहीद नक़वी
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