पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमों ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में टीएमसी भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करेगी।
वह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल में किसी भी पार्टी के साथ सीट बंटवारे को लेकर समझौता करने से इनकार कर दिया है।
ममता बनर्जी ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन पूरे देश में भाजपा का मुकाबला करेगा जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस लड़ाई का नेतृत्व करेगी।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 14 जनवरी से शुरू होने वाली भारत न्याय यात्रा की घोषणा हो चुकी है। यह यात्रा 14 राज्यों से होते हुए मार्च में मुंबई पहुंचेगी।
वहीं लोक सभा चुनाव करीब है और इंडिया गठबंधन की सारी सफलता इस बात पर ही निर्भर करती है कि विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर कैसे चुनाव लड़ते हैं। अगर लोकसभा चुनाव में उनके बीच एकता नहीं हुई तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए इंडिया गठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर तोल-मोल का दौर चल रहा है। ऐसे में ममता बनर्जी का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अपने बयान से उन्होंने साफ कर दिया है कि बंगाल में वह लोकसभा चुनाव के दौरान वामदलों या कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के लिए तैयार नहीं है।
ममता किसी भी कीमत पर टीएमसी को बंगाल में कमजोर नहीं करना चाहती। उन्हें लगता है कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर उन्हें सीटों का कोई खास फायदा नहीं होगा।
भाजपा लोगों के बीच भेदभाव पैदा कर रही
ममता बनर्जी ने इस मौके पर कहा कि भाजपा नागरिकता के मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है। वह लोगों के बीच भेदभाव कर रही है।उन्होंने कहा कि यदि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पास नागरिकता नहीं है, तो वे राज्य और केंद्र की विकास योजनाओं का लाभ कैसे उठा रहे हैं।
ममता ने कहा ये सभी इस देश के नागरिक हैं। यदि ये नागरिक नहीं हैं, तो मुफ्त राशन, स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ कैसे उठा रहे हैं।
पहले नागरिकता देने का काम जिलाधिकारी का होता था, लेकिन अब भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए उन शक्तियों को छीन लिया है।
ममता बनर्जी का नागरिकता को लेकर यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ ही दिन पहले कहा है कि सीएए को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता।
माना जा रहा है कि इसका पलटवार करते हुए ही अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा नेता नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का मुद्दा राजनीतिक एजेंडा के लिए उठा रहे हैं।
ममता ने भाजपा पर हमला बोलते कहा कि वह लोगों को विभाजित करना चाहती है। वहीं केंद्र सरकार किसी को नागरिकता देना चाहते हैं और किसी को नागरिकता नहीं देना
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