पश्चिम बंगाल का संदेशखाली मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है। एक महिला और उनकी सास ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपनी बलात्कार की शिकायत वापस ले ली है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनसे बलात्कार का फर्जी केस कराया गया था। उन्होंने तो यह भी आरोप लगाया है कि उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए थे। महिलाओं ने इस संदर्भ में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है और केस वापस लेने की वजह से धमकी व बहिष्कृत किए जाने की आशंका जताई है। यह घटनाक्रम तब आया है जब सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले एक कथित वीडियो में एक भाजपा कार्यकर्ता संदेशखाली घटना में पार्टी की भूमिका का दावा कर रहा था।
संदेशखाली: महिला ने रेप केस वापस लिया- 'सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे'
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 9 May, 2024
जिस संदेशखाली मामले ने पूरे देश को हिला दिया और जिसे बीजेपी ने पूरे देश में चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की, क्या उसमें महिलाओं से फर्जी बलात्कार के मुक़दमे करवाए गए? जानिए, महिला ने अब केस वापस क्यों लिया।

तो सवाल है कि जिस संदेशखाली मामले को पूरे देश के सामने दरिंदगी और भयावह घटना के रूप में पेश किया गया, जिस घटना को बीजेपी ने पूरी शिद्दत से उठाया और जिस मामले को प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ़ उठाया, बल्कि उन्होंने संदेशखाली का दौरा तक किया, उसमें क्या कोई बड़ी साज़िश की गई थी? इसका जवाब ढूंढने से पहले यह जान लें कि ताज़ा मामला क्या आया है।