कोलकाता में डॉक्टर से रेप, हत्या मामले में राजनीतिक विरोध प्रदर्शन और रैलियों बढ़ती जा रही हैं। भाजपा, टीएमसी, वामपंथी संगठन अपने अपने ढंग से इस मुद्दे पर गुस्सा जताने निकल पड़े हैं। घटना के विरोध में डॉक्टर पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं। बंगाल के गवर्नर ने तो धरना स्थल पर जाकर डॉक्टरों से हमदर्दी जताई और कहा कि वे उनके साथ लड़ने को तैयार हैं। दूसरी तरफ उत्तराखंड में इसी तरह गैंगरेप के बाद नर्स की हत्या कर दी गई। बिहार में तो बंगाल से भी वीभत्स घटना हुई है। लेकिन उन दोनों राज्यों में चुप्पी है। उत्तराखंड में इसी तरह की घटना अंकिता भंडारी के साथ हुई थी। उस मामले को राज्य की भाजपा सरकार ने रफा-दफा कर दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले के आरोपियों को मौत की सजा की मांग को लेकर 17 अगस्त को सड़कों पर उतरेंगी। ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर कोलकाता पुलिस इस मामले को हल नहीं कर पाई तो वो इसकी जांच सीबीआई को दे देंगी। लेकिन इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने खुद ही मामला सीबीआई के हवाले कर दिया। सीबीआई अब तेजी से इस मामले की जांच कर रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। इसका आह्वान पूरे देश के लिए किया गया है। आईएमए इस मामले में राज्य सरकार पर तमाम आरोप लगा चुका है।
जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी शुक्रवार को एक दिन के काम बंद का आह्वान किया है। एक बयान में, एसोसिएशन ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या से संबंधित सबूतों को छिपाने के किसी भी प्रयास की निंदा की और पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की।
दिल्ली में, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से राष्ट्रीय राजधानी के निर्माण भवन से एक संयुक्त विरोध मार्च निकालेंगे। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने भी शुक्रवार शाम 5 बजे इंडिया गेट पर कैंडल मार्च आयोजित करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने भी इस घटना के खिलाफ 16 अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
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