पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून को लेकर फ्रांस में हुई हिंसा के बाद वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान के ख़िलाफ़ दुनिया के कई देशों में मुसलमान आग-बबूला हैं। भारत में भी मैक्रों के ख़िलाफ़ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता में बुधवार को एक बार फिर मुसलिम प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे। भारत के अतिरिक्त विश्व के दूसरे देशों में भी मुसलमान सड़कों पर उतरे हैं।
कोलकाता में टीपू सुल्तान मसजिद के सामने यह प्रदर्शन हुआ। मुसलिम संगठन ऑल बंगाल माइनॉरिटी स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन की क़यादत में जुटे प्रदर्शनकारियों ने मैक्रों का पुतला भी जलाया। प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से मांग की कि वह फ्रांस के राजदूत को बुलाए और मैक्रों से उनके बयान को लेकर माफ़ी मांगने को कहें। लेकिन दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ्रांस के रूख़ का समर्थन किया है और उसे वित्तीय सहायता देने की भी बात कही है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे पूरी तरह फ्रांस और दूसरी जगहों पर हुई हत्या की निंदा करते हैं लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत न किया जाए।
16 अक्टूबर को फ़्रांस में 47 साल के एक शिक्षक पैटी की स्कूल के बाहर ही हत्या कर दी गई थी। शिक्षक की हत्या पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर की गई थी। इस घटना के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का जमकर समर्थन किया था। इस हिंसा के बाद से फ्रांस में इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर आतंकी हमला बताया जा रहा है तो मुसलिम देश इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बता रहे हैं।
राणा के बयान पर विवाद
एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में शिक्षक पैटी की हत्या के सवाल पर मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बयान को लेकर भी विवाद हो रहा है। लखनऊ पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है। हज़रतगंज कोतवाली के सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार पांडे की ओर से लिखवाई गई शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दर्ज की गई है।भोपाल में जोरदार प्रदर्शन
कुछ दिन पहले इसी मामले में भोपाल, अलीगढ़ और मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे और मैक्रों का विरोध हुआ था। भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद की अगुवाई में मैक्रों के ख़िलाफ़ बड़ा प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद कोरोना प्रोटोकाॅल के उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने विधायक और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली थी।
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में फ़्रांस के राष्ट्रपति के विरोध वाली बैनर-तख्तियां ली हुई थीं। लोगों ने मैक्रों के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी भी की थी और कहा था कि मैक्रों बिना देर किए मुसलिम धर्मावलंबियों से माफी मांगें।
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मसूद और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने से जुड़े सवाल पर मसूद ने कहा था, ‘मुसलिम समाज कभी किसी दूसरे धर्म का मजाक नहीं उड़ाता, ऐसे में हमारे मजहब का मजाक उड़ाने वाले के ख़िलाफ़ हमने प्रदर्शन किया। फ़्रांस के राष्ट्रपति जब तक माफी नहीं मांगेंगे हमारा विरोध जारी रहेगा।’
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