लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और इसकी वजह से चले लंबे लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा की तसवीर भी बदल दी है। इसके बावजूद मौजूदा दौर में भी राजधानी कोलकाता के आयोजकों और कलाकारों ने थीम-आधारित मूर्तियों और पंडालों की परंपरा जस की तस बरक़रार रखी है। पश्चिम बंगाल में बीते एक दशक के दौरान थीम-आधारित आयोजनों का प्रचलन तेज़ी से बढ़ा है। इसके तहत पूरे साल के दौरान देश-विदेश में घटने वाली प्रमुख घटनाओं को पंडालों और बिजली की सजावट के जरिए उकेरा जाता है।
बंगाल की दुर्गा पूजा में उभरा प्रवासी मज़दूरों का दर्द
- पश्चिम बंगाल
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- 20 Oct, 2020

इस साल दुनिया की सबसे बड़ी खबर या घटना कोरोना ही है। ऐसे में तमाम बंदिशों और बजट में कटौतियों के बावजूद इसे जगह मिलना लाज़िमी ही था। यही वजह है कि कुछ पंडालों में प्रवासी महिला मजदूर को ही माँ दुर्गा का रूप दे दिया गया है तो कहीं महिषासुर की जगह 'कोरोनासुर' बनाया गया है।