पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा पर सियासत का रंग तो कोई दो दशक पहले से ही घुलने लगा था। लेकिन इस साल यह रंग कुछ ज्यादा ही चटख नजर आ रहा है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूजा पर राजनीति होने लगी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयोजन समितियों को 50-50 हजार रुपये की मदद तो दी ही है, पहले के फैसले से पलटते हुए उन्होंने पूजा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी अनुमति दे दी है।
बंगाल: दुर्गा पूजा को भुनाने में जुटे टीएमसी और बीजेपी
- पश्चिम बंगाल
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- 15 Oct, 2020

विधानसभा चुनाव से पहले हो रही इस दुर्गा पूजा में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयोजन समितियों को कई तरह की छूट दी है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुर्गा पूजा की शुरुआत के दिन यानी षष्ठी को ‘पूजा की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे। इससे साफ है कि सत्ता के दोनों दावेदारों ने इस त्योहार को अपने सियासी लाभ के लिए भुनाने की खातिर कमर कस ली है।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुर्गा पूजा की शुरुआत के दिन यानी षष्ठी (22 अक्टूबर) को ‘पूजा की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे। इससे साफ है कि सत्ता के दोनों दावेदारों ने इस त्योहार को अपने सियासी लाभ के लिए भुनाने की खातिर कमर कस ली है।
विधानसभा चुनाव से पहले हो रही इस दुर्गा पूजा में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयोजन समितियों को कई तरह की छूट दी है। इनमें करीब 37 सौ आयोजन समितियों को 50 हजार रुपये के आर्थिक अनुदान के अलावा बिजली में 50 फीसदी छूट और फायर ब्रिगेड की सुविधा मुफ्त देने का एलान किया गया है। इसके साथ ही इस साल नगरपालिका या ग्राम पंचायतें आयोजन समितियों से कोई टैक्स भी नहीं लेंगी।