पश्चिम बंगाल चुनाव में जय श्री राम के मुक़ाबले जय माँ दुर्गा का नारा बुलंद करने के बाद ममता बनर्जी ने तुरूप का एक और पत्ता फेंका है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नया नारा है ‘बंगाल माँगे बंगाल की बेटी’। ज़ाहिर सी बात है कि ममता बनर्जी अब चुनाव प्रचार को भावनात्मक मोड़ देना चाहती हैं। उनकी पार्टी अब बीजेपी को एक बाहरी पार्टी और ख़ुद को बंगाली स्वाभिमान का प्रतीक साबित करने की कोशिश कर रही है।
बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी का ‘बंगाल की बेटी’ कार्ड
- पश्चिम बंगाल
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- 22 Feb, 2021

टीएमसी के नेता और कार्यकर्ता गाँवों में कैंप लगा रहे हैं। वहीं लोगों से उनकी समस्या पूछी जाती है और सरकारी कर्मचारियों की मदद से तुरंत उसका समाधान कर दिया जाता है। इस तरह की पहल से भी टीएमसी की छवि थोड़ी सुधरी है। गृह मंत्री अमित शाह अब चुनावी रैलियों में कट मनी को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पहली बार ऐसा लग रहा है कि बंगाल में विधान सभा चुनाव किसी आर्थिक या सामाजिक मुद्दे पर नहीं होगा। मई में होने वाले चुनाव पर धार्मिक और भावनात्मक मुद्दे छाए रहेंगे। कुछ समय पहले जब बीजेपी ने जय श्री राम का उद्घोष किया तो ममता ने उसके मुक़ाबले जय दुर्गा की हुंकार शुरू कर दी। बीजेपी के सामने तब एक बड़ी चुनौती आ गयी क्योंकि राम और दुर्गा दोनों ही हिंदू देवता हैं।
बीजेपी ने बंगाल में जय श्री राम का नारा इस उम्मीद में दी थी कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंदू मतदाता एकजुट हो जाएँगे। लेकिन ममता बनर्जी ने बड़ी चालाकी से राम के सामने दुर्गा को खड़ा कर दिया। बंगाली हिंदू की सबसे बड़ी देवता दुर्गा और काली हैं। ममता इसे बंगाली अस्मिता और सम्मान से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए जय श्री राम के नारे का प्रभाव अब उन इलाक़ों में सिमटा हुआ लग रहा है जिन इलाक़ों में ग़ैर बंगाली आबादी अच्छी संख्या में हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक