मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का मुद्दा सामने आ गया है। समान नागरिक संहिता से विवाद खड़ा होता दिख रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका सीधा असर हिंदू समाज पर पड़ेगा।
समान नागरिक संहिता बनने पर सबसे ज़्यादा दिक़्क़त हिंदुओं को होगी?
- विचार
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- शैलेश
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- 19 Sep, 2019

सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और मुसलमान सभी इससे प्रभावित होंगे। क्योंकि सभी धर्मों में परिवार और संपत्ति के बँटवारे से जुड़े क़ानून अलग-अलग हैं। अकेले हिंदुओं में क़रीब एक दर्जन प्रथाएँ चल रही हैं।
आधुनिक युग में समान नागरिक संहिता एक अनिवार्य और क्रांतिकारी क़ानून लगता है, लेकिन यह भी ध्यान में रखना ज़रूरी है कि शिक्षा का व्यापक प्रसार नहीं होने के कारण भारतीय समाज का एक बड़ा हिस्सा सामंती युग में जी रहा है।