ममता बनर्जी ने आख़िरकार शेर की मांद में घुसकर चुनौती देने का एलान कर ही दिया। उन्होंने विधानसभा का चुनाव नंदीग्राम से लड़ने की घोषणा की है। नंदीग्राम को उनके पूर्व सहयोगी और अब बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। शुभेंदु 2007 के नंदीग्राम किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं।

बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को तोड़कर टीएमसी के दक्षिण के गढ़ को हिलाने का इंतज़ाम किया था। लेकिन ममता के नंदीग्राम पहुँच जाने से बीजेपी के सामने चुनौती बढ़ गयी है। नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरकर ममता ने अपनी फ़ाइटर इमेज को भी मज़बूत किया है।
सीपीएम के शासन के दौरान नंदीग्राम में इकनॉमिक ज़ोन बनाए जाने का विरोध करने वाले किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाई गई थी। इसमें 14 किसानों की मौत के बाद ममता की राजनीति भी यहीं से चमकी थी और 2011 के विधानसभा चुनाव में वह सत्ता के शिखर तक पहुँची थीं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक