पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान कर न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के दाँव को उलट दिया है, बल्कि उसे उसी के जाल में फँसा दिया है। नंदीग्राम आन्दोलन से उभरे शुभेंदु अधिकारी को बड़े धूमधाम से पार्टी में लाने वाले अमित शाह को अब यह सोचना होगा कि वह वहाँ ममता बनर्जी को कैसे रोकें। लेकिन सबसे बुरी स्थिति तो तृणमूल छोड़ कर बीजेपी में जाने वाले इस नेता की होगी जिसके लिए अब अपनी सीट बचाना भी मुश्किल होगा। उन्हें पार्टी में लाकर इतराने वाली बीजेपी अब उस व्यक्ति की उपयोगिता पर विचार करे, जो अपनी मौजूदा सीट बचा पाएंगे, इस पर भारी संदेह है।